प्रियंका नकली गांधी, फिरोज जोड़ लें: ज्योति

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लखनऊ
भगवा कपड़े को लेकर सीएम योगी पर निशाना साधने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अब बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गई हैं। प्रियंका गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एक विवादित टिप्पणी की है। निरंजन ज्योति ने कहा है कि प्रियंका नकली गांधी हैं और उन्हें अपने नाम के साथ अपने दादा फिरोज गांधी का नाम जोड़कर लिखना चाहिए।

मीडिया से बात करते हुए साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि प्रियंका गांधी भगवा रंग का अर्थ नहीं समझ सकतीं क्योंकि वह नकली गांधी हैं। उन्हें अपने नाम के आगे से गांधी हटा लेना चाहिए और अपना नाम कर लेना चाहिए। निरंजन ज्योति ने कहा कि प्रियंका गांधी की समस्या यह है कि योगी सरकार लगातार अपराधियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन ले रही है। अगर प्रियंका दंगाइयों के पीछे हैं तो उन्हें सबके सामने आकर यह स्पष्ट कर देना चाहिए।

‘उन्हें भगवा के बारे में और पढ़ना चाहिए’
भगवा रंग को लेकर प्रियंका गांधी द्वारा दिए बयान पर निरंजन ज्योति ने कहा कि उन्हें अभी भगवा शब्द के बारे में और पढ़ना चाहिए। भगवा रंग ज्ञान और आत्मीयता का प्रतीक है। निरंजन ज्योति ने प्रियंका से सवाल करते हुए यह भी कहा कि प्रियंका गांधी को यह बताना चाहिए कि जिन लोगों ने मासूमों को मारा और पुलिस पर पत्थर फेंके, उन्हें सजा दी जाए या नहीं।

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योगी पर प्रियंका ने साधा था निशाना
इससे पहले प्रियंका ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्‍यपाल को दी गई चिट्ठी में हमने कई ऐसे सबूत दिए हैं, जिससे यह दिख रहा है कि पुलिस और प्रशासन सीएम के बदला लेने के बयान पर कायम है। उन्‍होंने कहा, ‘देश के इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ जब एक सीएम ने कहा कि बदला लिया जाएगा। यह देश कृष्‍ण और भगवान राम का है जो करुणा के प्रतीक हैं।’

‘भगवा में नहीं है हिंसा और रंज का कोई स्थान’
उन्‍होंने कहा, ‘यूपी के सीएम योगी ने भगवा धारण किया है। भगवा आपका नहीं है, यह हिंदू धर्म का है, जिसमें हिंसा और रंज का कोई स्‍थान नहीं है।’ प्रियंका गांधी ने सरकार के सामने 4 मांगें रखीं। उन्‍होंने कहा कि हिंसा पर पुलिस अपनी कार्रवाई को रोके। इसके अलावा आरोप साबित हुए बिना संपत्ति जब्‍त करने की कार्रवाई न हो। हाई कोर्ट के जज से हिंसा की जांच कराई जाए। इससे पहले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात की और प्रदेश में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की बर्बरता की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

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