परिवार ने बताया, क्यों चुना 11 लाशों वाला घर
के जिस घर में 11 लोगों ने एक साथ खुदकुशी कर ली थी, किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक बार फिर से वहां चहल-पहल होगी और बच्चों की किलकारियां गूंजेंगी। मोहन कश्यप नाम के शख्स ने इस घर को किराए पर ले लिया है और सोमवार को पूजा-पाठ करवाकर अपना काम शुरू कर दिया है। दरअसल मोहन यहां डायग्नॉस्टिक सेंटर खोल रहे हैं। मोहन ने कहा कि वह अंधविश्वासों को नहीं मानते हैं और उन्हें यहां काम करने और रहने में कोई ऐतराज नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मैं अंधविश्वास पर यकीन नहीं करता। अगर मैं इन सब बातों में यकीन करता तो यहां आता ही ना।’ हालांकि मोहन ने हवन करवाने के बाद अपना काम शुरू किया। इसपर उन्होंने कहा कि यह तो रीति रिवाज है कि किसी काम की शुरुआत से पहले लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है।
वहां के एक स्थानीय निवासी रविंदर ने बताया, ‘जो होना था हो गया, अब सब ठीक है। वे लोग बहुत अच्छे थे और यहां कोई बुरी आत्मा नहीं रहती। उनकी आत्मा सीधा स्वर्ग गई है।’ बता दें कि इसी घऱ में 1 जुलाई 2018 को 11 लोगों ने खुदकुशी कर ली थी। 10 लोग फांसी पर लटके मिले थे वहीं 77 साल की एक बुजुर्ग महिला की लाश दूसरे कमरे के बेड पर मिली थी।
मोहन कश्यप ने ग्राउंड फ्लोर पर पैथॉलजी लैब बना रहे हैं और वह पहले महले पर परिवार के साथ रहेंगे। मोहन ने यह भी बताया था कि उनके बच्चे इस घर में आते-जाते रहे हैं और टुइशन पढ़ते थे। मोहन के बच्चे भी पास के ही स्कूल में पढ़ते हैं। मृत परिवार के एक रिश्तेदार के पास इस घर की जिम्मेदारी है।
निकले 11 पाइपों का क्या होगा?
घर में निकले 11 पाइप भी काफी रहस्यमयी थे। इनके बारे में मोहन ने कहा कि कुछ को बंद करवा दिया गया है, कुछ को खोला रखना जरूरी है। वह घर में दूसरे रिपेयर के काम भी करवा रहे हैं। दरअसल, घर की दीवार पर प्लास्टिक के बड़े 11 पाइप लगे हैं। ये पाइप अपर ग्राउंड फ्लोर की दीवार से बगल वाले खाली प्लॉट की तरफ निकले हैं। अगर दूरी पर होते, तो शायद लोग कयास न लगाते। मगर दो पाइप एक फुट की दूरी पर हैं, जबकि बाकी पाइप आसपास हैं। इनमें चार पाइप बिल्कुल सीधे थे और 7 पाइप हल्के मुड़े हुए।