मन की बात में जाने क्या-क्या बोले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से बात की। अपने 60वें मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए बवाल का जिक्र किया। कहा कि आज का युवा अराजकता को पसंद नहीं करता। हालांकि, मोदी ने एनआरसी, एनपीआर आदि पर बात नहीं की। यह इस साल का आखिरी मन की बात कार्यक्रम था। नरेंद्र मोदी सरकार में आने के बाद से मन की बात कार्यक्रम करते रहे हैं। इसमें वह देश को संबोधित करते हैं।
मोदी के की बड़ी बातें
–पिछले 6 महीने में 17वीं लोकसभा के दोनों सदन बहुत ही उत्पादक रहे। लोकसभा ने 114% काम किया, तो राज्यसभा ने 94% काम किया। मैं दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों, सभी राजनैतिक दलों और सभी सांसदों को उनकी सक्रिय भूमिका के लिए बधाई देना चाहता हूं।
–पीएम मोदी और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल ने 30 मार्च 2016 को रिमोट के जरिए इसका उद्घाटन किया था। यह नाम आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES)है। यह उत्तराखंड में नैनीताल के पास देवस्थल में स्थित है।
सूर्यग्रहण का जिक्र
सूर्यग्रहण को लेकर mygov.in पर रिपुन ने बहुत दिलचस्प कॉमेंट लिखा। उन्होंने लिखा कि मैं नॉर्थ ईस्ट का रहने वाला हूं। इन दिनों साउथ में रहता हूं। हमारे क्षेत्र में आसमान साफ होने के कारण हम आसमान में टकटकी लगाए रहते थे। जॉब के बाद अब समय नहीं निकाल पाता हूं। क्या इस विषय पर बात कर सकते हैं कि एस्ट्रॉनमी को युवाओं के बीच कैसे पॉप्युलर कर सकते हैं।’ मोदी ने आगे कहा, ‘मेरे पास इस तरह का सुझाव पहली बार आया। 26 तारीख को युवाओं की तरह मेरे मन में भी उत्साह था। अफसोस कि दिल्ली में बादल के कारण मैं यह नजारा देख नहीं पाया। हालांकि टीवी पर कोझिकोड़ और भारत के दूसरे हिस्सों में ग्रहण की तस्वीरें देखने का मिलीं। एक्सपर्ट ने बताया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी से काफी दूर होता है, इसलिए इसका आकार पूरी तरह से सूर्य को ढक नहीं पाता। इसलिए एक रिंग बन जाता है।
ग्रहण हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि हम पृथ्वी पर रहकर अंतरिक्ष में घूम रहे हैं।‘
–मोदी ने परवीन फातिमा का जिक्र किया। वह करगिल की हैं, फिलहाल तमिलनाडु में सुपरवाइजर की नौकरी कर रही हैं। यह हिमायत की वजह से हुआ। ऐसे ही फय्याज अहमद परेशानियों के घिरे थे। हिमायत से मदद मिली। आज पंजाब में नौकरी कर रहे हैं।
-मोदी ने जम्मू कश्मीर के
हिमायत प्रोग्राम का जिक्र किया। यह स्किल डिवेलपमेंट से जुड़ा है। जिनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई उनके लिए है।मोदी बोले कि हिमायत कार्यक्रम के अंतर्गत पिछले 2 साल में 18 हजार युवाओं को अलग-अलग ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनमें से करीब 5 हजार लोग तो अलग-अलग जगह नौकरी कर रहे हैं और बहुत सारे स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
–2022 आजादी के 75 साल पूरे होंगे। इससे पहले हमें देशवासियों के खून-पसीने से बनीं चीजों को इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए। 2022 तक स्थानीय उत्पादों पर बल दिया जाना चाहिए।
–मैंने 15 अगस्त को लालकिले से देशवासियों से लोकल सामान खरीदने का आग्रह किया था। आज फिर से मेरा सुझाव है कि क्या हम स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्रोत्साहन दे सकते हैं? क्या उन्हें अपनी खरीदारी में स्थान दे सकते हैं? सौ साल पहले गांधी जी ने एक बड़ा जन आन्दोलन शुरु किया। इसका एक लक्ष्य था भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना।
-मोदी ने यूपी फूलपुर का भी जिक्र किया। वहां महिलाओं ने स्वंय सहयाता ग्रुप के साथ जुड़कर चप्पल बनानी सीखी और पैरों में चुभे मजबूरी के कांटे को निकाल फेंका। ये सभी महिलाएं आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। अब स्थिति सुधरी।
–मोदी ने बिहार के पश्चिम चंपारण भैरवगंज हेल्थ सेंटर की बात बताई। इसमें मुफ्त चेकअप के लिए भीड़ लग गई थी। वहां के आर स्कूल के पूर्व छात्रों ने इस कैंप को लगाया था। वे सभी बैच 1995 बैच के थे। मोदी ने इसे अच्छा कदम बताया।
–मोदी ने एल्युमिनाई मीट के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि कोई-कोई एल्युमिनाई मीट खास बन जाती है।
-विवेकानंद के अनुसार आपका भविष्य इसपर निर्भर करता है कि आप युवा रहते क्या करते हैं।
-पीएम मोदी ने सबसे पहले नए साल के लिए सभी को अग्रिम बधाई दी। हमारी ये पीढ़ी बहुत की प्रतिभाशाली है। कुछ नया करना चाहते है। खासकर भारत के युवाओं को देखते हैं तो वे सिस्टम को पसंद करते हैं। कई सिस्टम सही से काम न करे तो वे बेचैन हो जाते हैं और सवाल भी करते हैं, जिसे में अच्छा मानता हूं। नई पीढ़ी अराजकता को पसंद नहीं करते।