राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव : छत्तीसगढ़ के स्वागत से अभिभूत हुए मालदीव के जनजाति कलाकार

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव :  छत्तीसगढ़ के स्वागत से अभिभूत हुए मालदीव के जनजाति कलाकार
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रायपुर : राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में भाग लेने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे मालदीव के जनजाति कलाकार यहां हुए उनके स्वागत-सत्कार से प्रभावित हुए। नृत्य दल के लीडर श्री भास्कर भोसले ने बताया कि वे एक छोटे से देश के रहने वाले हैं। वहां की राजधानी माले मात्र छह किलोमीटर में बसी हुई है। उन्हें बहुत प्रसन्नता है कि भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में उन्हें नृत्य के प्रदर्शन का अवसर मिल रहा है। वे इससे पहले हरियाणा राज्य के सूरजपुर कुंभ में भी प्रदर्शन कर चुके हैं। मूलतः ड्रम (ढोल) के रिदम पर नृत्य करते हैं। उनके नृत्य का मुख्य वाद्य यंत्र विभिन्न प्रकार के ढोल हैं। उनके दल में गायक भी शामिल है। वे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में तीनों दिन बाबूरी, नाल, थीम बेरो, टाकिला बाग, खासीमाजा, लांगीरी और गाउड़ी नृत्य का प्रदर्शन करेंगे। इन नृत्यों में 8 से 28 प्रतिभागी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि उनके आदिवासी संस्कृति का मूल व्यवसाय पर्यटन और मछली पर आधारित है।

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