लोक नृत्य आदिवासी संस्कृति एवं जन जीवन का अभिन्न अंग-डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम
रायपुर, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ.
प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा है कि लोक नृत्य आदिवासी संस्कृति एवं जन जीवन
का अभिन्न अंग हैं। उन्होंने इस आशय के उद्गार आज राज्य स्तरीय शहीद वीर
नारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का नवा रायपुर के साऊथ
सेन्ट्रल पार्क में शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। राज्य स्तरीय महोत्सव में
710 कलाकारों ने पारम्परिक वेशभूषा में कला की शानदार प्रस्तुति दी। डॉ.
टेकाम ने शहीद वीर नारायण सिंह के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया और
राज्य गीत के बाद महोत्सव शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा कि हर्ष का विषय
है कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति
का प्रदर्शन होने जा रहा हैै। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मेें चयनित प्रदेश
के आदिवासी नर्तक दलों को राज्य की विविधतापूर्ण एवं समृद्ध जनजाति
संस्कृति से देश-विदेश के कलाकारों एवं अतिथियों को परिचित कराने का सुनहरा
अवसर प्राप्त होगा।
डॉ. टेकाम ने कहा कि उल्लेखनीय है कि इस वर्ष
राज्य शासन द्वारा 27, 28 और 29 दिसम्बर को प्रदेश की राजधानी रायपुर में
राष्ट्रीय आदिवासी लोक कला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के
विभिन्न राज्यों के आदिवासी लोक नर्तक दल भाग लेंगे। इसके साथ ही विदेशों
से भी कलाकार इस आयोजन का हिस्सा बनेगें। उन्होंने इस राज्य स्तरीय
प्रतियोगिता के माध्यम से राष्ट्रीय आदिवासी लोक कला महोत्सव में चयनित
होने वाले नर्तक दलों को अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि
शासन द्वारा आदिवासियों की धरोहर स्वरूप उनकी सभ्यता, संस्कृति एवं पूजा
स्थल के संरक्षण और सतत् विकास के लिए समर्पित रूप से निरंतर कार्य किया जा
रहा है।
सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास श्री डी.डी.सिंह ने
बताया कि विभाग द्वारा आदिवासी नृत्य कलाकारों को चार पृथक-पृथक विधाओं फसल
कटाई, पारम्परिक त्यौहार, विवाह, मेला मड़ाई पर राज्य के क्षेत्रीय एवं
स्थानीय स्तर के आदिवासियों के नृत्य प्रतिभा की पहचान एवं अवसर प्रदान
करते हुए विकास खण्ड, जिला और संभाग स्तर पर उत्कृष्ट कलाकारों के चयन के
लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जा चुका है।
डॉ. टेकाम ने राज्य स्तरीय
शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति लोक कला महोत्सव में प्रदेश के बस्तर, सरगुजा,
बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग संभाग से आए प्रतिभागी कलाकारों को शानदार
कार्निवाल परेड के लिए बधाई दी। कार्निवाल परेड में संभाग से आए कलाकारों
ने पारम्परिक वेशभूषा में वाद्ययंत्रों के साथ कला की प्रस्तुती दी। डॉ
टेकाम ने कलाकारों से परिचय प्राप्त करते हुए पारम्परिक वेशभूषा के साथ
मांदर पर थाप देकर थिरके, तोड़ी बजाई और तीर कमान चलाकर उत्साह वर्धन किया।
उन्होंने नर्तक दलों के प्रस्तुतिकरण को भी देखा।
प्रतियोगिता में
विभिन्न दलों द्वारा सरहुल नृत्य से लेकर करमा जैसे प्रसिद्ध नृत्य
प्रस्तुत करने के साथ ही फसल कटाई, विवाह तथा विभिन्न पर्वो से संबंधित
नृत्यों का प्रतिभागी दलों द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर संभाग
आयुक्त रायपुर श्री जी.आर.चुरेन्द्र, संचालक आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति
विकास श्री मुकेश कुमार बंसल, आयुक्त एन.आर.डी.ए. श्री नीलम एक्का सहित
विभाग के अधिकारी, प्रतिभागी दलों के सदस्य और दर्शक उपस्थित थे।