किसानों के जीवन में अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ. रमन सिंह
रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि गांव, गरीब और किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने में अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने आज यहां ‘प्रदेश के विकास और सुशासन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आधारित साधनों के अनुप्रयोग’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा- यह एक अनोखा विज्ञान है। इसके जरिए मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है, वन, खनिज और जल सम्पदा का आंकलन किया जा सकता है, गांवों और शहरों की जमीनों नक्शा भी अंतरिक्ष तकनीक पर आधारित दूरसंवेदी भू-उपग्रहों के जरिए बनाया जा रहा है। इस प्रौ़द्योगिकी से जमीन के भीतर स्थित खनिज और जल भण्डारों का पता लगाया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने की। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो के अध्यक्ष और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. ए.एस. किरण कुमार विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में भारत सरकार के एन.आर.एस.सी. के निदेशक डॉ. वाय.यू.एन. कृष्णमूर्ति, राज्य सरकार के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह और प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्रीमती रेणु जी पिल्ले, छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रोफेसर मुकुंद हम्बर्ड़े सहित राज्य शासन के विभिन्न विभागों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘भुवन छत्तीसगढ़’ वेब पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि की आंसदी से शुभारंभ सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा- भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी के बेहतर इस्तेमाल का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। समुद्री तूफानों के आने के बारे में इस टेक्नॉलॉजी के जरिए समय पूर्व जानकारी मिल जाती है, इससे राहत और बचाव की तैयारी समय से पहले हो जाती है और जन-धन का नुकसान कम होता है। उन्होंने हाल ही में तमिलनाडु में आए समुद्री तूफान का जिक्र किया। कार्यशाला में विशेष अतिथि के रूप में आए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. ए.एस.किरण कुमार का उल्लेख किया और कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार अंतरिक्ष प्रौ़द्योगिकी का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। इसका उदाहरण यह है कि इसरो के अध्यक्ष स्वयं इस कार्यशाला में शामिल हो रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि पहले हम धरती को पेड़ों और पहाड़ों से देखा करते थे, अब मानव निर्मित भू- उपग्रहों (सेटेलाइट) के जरिए धरती की पूरी तस्वीर मिल जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा- छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसधानों से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी अंतरिक्ष विज्ञान अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रौ़द्योगिकी के जरिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन, और राजस्व विभाग सहित अन्य कई विभाग जन कल्याण के लिए अपनी-अपनी कार्ययोजनाएं बना सकते हैं। गांवों में जल संरक्षण के लिए कहां तालाब और कहां कुंए बनाना है, इसके लिए जगह का चयन भी हम अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी के जरिए कर सकते हैं। उन्होंने इन विभागों को अपनी कार्ययोजना में इस टेक्नॉलॉजी को शामिल करने के निर्देश दिए। प्रदेश के विज्ञान और प्रौ़द्योगिकी मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा-ज्ञान-विज्ञान और तकनीक सम्पूर्ण मानव जीवन का अभिन्न अंग है। मानव जीवन की सफलता के लिए अनुसंधान का अपना महत्व है। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जिसमें विज्ञान का उपयोग नहीं हो रहा हो। चाहे वह कृषि, राजस्व, वन, खनिज कोई भी हो, हर क्षेत्र में राज्य सरकार वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग कर रही है। किसी भी अच्छी सरकार के लिए आज के युग में दुनिया तेजी से भाग रही है। लोगों के पास अब समय की कमी है। लोग नई-नई तकनीक का उपयोग कर समय की बचत कर रहे हैं। प्राचीन काल में गांव के लोग पुरानी परम्पराओं से जमीन में कहा पानी मिलेगा और मौसम कैसा होगा इसकी जानकारी देते थे, किन्तु आज के युग में विज्ञान तकनीक के माध्यम से लोगों को सही जानकारी मिल रही है।
इसरो अध्यक्ष ने की छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ
कहा: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में छत्तीसगढ़ ने कायम की मिसाल
विशेष अतिथि की आंसदी से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. ए.एस.किरण कुमार ने जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा- देश में इस प्रौद्य़ोगिकी के विभिन्न औजारों का उपयोग करने वाले सर्वाधिक सक्रिय राज्यों में छत्तीसगढ़ भी एक है। अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल में छत्तीसगढ़ ने वास्तव में मिसाल कायम की है। राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अंतरिक्ष और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। दूर-संवेदी भू-उपग्रह के जरिए हर गांव का डाटाबेस तैयार किया गया है। इसरोे अध्यक्ष ने राज्य के खनिज साधन विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि इस विभाग ने दुर्ग जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में खनन सूचना प्रणाली विकसित की है। इसका लाभ नीति निर्माताओं सहित उद्यमियों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा इस प्रकार की पहल को अब देश के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जा रहा है। डॉ. किरण कुमार ने कहा- मुझे खुशी है कि इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभाग हिस्सा ले रहे हैं और इसकी कार्यसूची में अंतरिक्ष आधारित विषय बड़ी संख्या में शामिल किए गए हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ के विकास में सहायक होगा। शुभारंभ सत्र को प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्रीमती रेणुजी पिल्ले और छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रोफेसर एम.एम हम्बर्डे ने भी सम्बोधित किया।