पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा देने 26 सिपाहियों ने पत्नियों की नसबंदी करा दी

पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा देने 26 सिपाहियों ने पत्नियों की नसबंदी करा दी
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भोपाल. मध्यप्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर की सीधी भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट में 26 पुलिस आरक्षक ऐसे हैं जिन्होंने पत्नी की नसबंदी करा कर सिपाही से थानेदार बनने का आखिरी मौका हासिल किया है. दरअसल इस भर्ती परीक्षा में पुलिस आरक्षकों के लिए 15 फीसदी पद आरक्षित हैं,इसके लिए न्यूनतम आयुसीमा 36 साल है, लेकिन इसमें उन आरक्षकों को दो साल की छूट दी जाती है जिनके पास ग्रीन कार्ड है यानी जिन्होंने परिवार नियोजन अपना कर पत्नी की नसबंदी कराई है.

इस छूट का फायदा उठाने के लिए कई आरक्षकों ने पत्नी की नसबंदी करा कर ग्रीन कार्ड हासिल किया और भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल हुए ,लेकिन व्यापमं की गलती के चलते इस भर्ती में सिपाहियों के लिए आरक्षित 15 फीसदी कोटे को शामिल नहीं किया गया और लिखित परीक्षा में सफल आवेदकों की लिस्ट से ग्रीनकार्ड धारक सहित लगभग सभी सिपाही बाहर हो गए.

सिपाहियों ने व्यापमं में आपत्ती दर्ज कराई उसके बाद रिजल्ट में संशोधन किया गया और सिपाहियों के लिए 15 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया गया. इस तरह ग्रीन कार्ड धारकों को सिपाही से थानेदार बनने का आखिरी मौका हासिल हो गया. प्रदेश में इस समय सूबेदार, उपनिरीक्षक और प्लाटून कमांडर के 863 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है.

एक आरक्षक मयंक शर्मा ने बताया कि हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि सब इंस्पेक्टर परीक्षा में बैठने का मौका मिल पाएगा. सोचा था अब तो पुलिस आरक्षक बनकर ही रह जाएंगे. जैसे ही इस योजना के बारे में पता चला तो सबसे पहले पत्नी की नसबंदी कराई और ग्रीन कार्ड हासिल किया. उसके बाद सब इंस्पेक्टर परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल गया.

प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव, एडीजी (पुलिस भर्ती व चयन) के अनुसार पुलिस आरक्षक को यह लाभ तभी मिलता है, जब वह छह साल की पुलिस सर्विस पूरी कर चुका हो और उसके खिलाफ कोई गंभीर मामला जांच में ना हो.

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