अदाणी पोर्ट्स एवं एसईजेड (एपीएसईजेड) को ‘मानद विशेष उल्लेख पुरस्कार’ मिला
अदाणी पोर्ट्स एवं एसईजेड (एपीएसईजेड) को राष्ट्रीय कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व पुरस्कार समारोह में ‘मानद विशेष उल्लेख पुरस्कार’ मिला
नई दिल्ली: भारत के अग्रणी पोर्ट ऑपरेटर, अदाणी पोर्ट्स एवं स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड), को कल नई दिल्ली में कॉरपोरेट मंत्रालय द्वारा आयोजित पहले राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार समारोह में ‘मानद विशेष उल्लेख’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण और केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने अदाणी समूह के मानव संसाधन के समूह अध्यक्ष मलय महादेविया, एपीएसईजेड के कार्यकारी निदेशक रक्षित शाह, और एपीएसईजेड के सीओओ अविनाश राय को पुरस्कार से सम्मानित किया।
एपीएसईजेड को पश्चिमी क्षेत्र में ‘चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सीएसआर’ के लिए और गुजरात में मछुआरा समुदाय की आय और समग्र जीवन स्तर पर स्थायी प्रभाव पैदा करने के लिए मान्यता प्रदान गयी।
2010 के बाद से, अदाणी समूह की सीएसआर शाखा, अदाणी फाउंडेशन ने छह प्रमुख क्षेत्रों में ‘ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स एंड लिवलीहुड प्रोविजन टू फिशरमैन कम्युनिटी’ नामक परियोजना पर एपीएसईजेड की ओर से काम किया है, जिसमें गुजरात में कच्छ जिलों के मुंद्रा और अंजार कस्बों के आसपास के क्षेत्रों के समुदायों के लिए आजीविका, महिला शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। अदाणी समूह के ’ग्रोथ विथ गुडनेस’ के सिद्धांत के आधार पर चलते हुए, इस परियोजना ने जीवन स्तर में सुधार किया है और गुजरात के सात गांवों में 6067 मछुआरों और उनके परिवारों के जीवन में स्थायी बदलाव लाया है।
ऑफ-सीजन आजीविका के अवसरों, वैकल्पिक आजीविका और मछली पकड़ने की बेहतर तकनीक की उपलब्धता के कारण परिवारों की आमदनी में वृद्धि हुई है। जेब से अधिक खर्च में कमी आयी है और इससे हासिल की गई गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं ने रोग के बोझ को कम किया है और बचत में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, भद्रेश्वर के अदाणी विद्या मंदिर स्कूल में 1,780 बच्चों को दाखिला लेने से शिक्षा की स्थिति में भी महत्वपूर्ण बदलाव आया है। प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करने और स्थानीय रोजगार सुनिश्चित करने के लिए 2889 वर्ग में मैन्ग्रोव वृक्षारोपण करके पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस क्षेत्र में प्रभाव पैदा करने के लिए इस परियोजना ने अन्य कई कार्यक्रमों के साथ मिलकर काम किया है, जैसे मछुआरों की बस्तियों में बालवाडियों को सशक्त बनाने के लिए विद्या दीप योजना, आधुनिक अदाणी विद्या मंदिर स्कूल में मुफ्त शिक्षा, मोबाइल हेल्थकेयर यूनिट के लिए मच्छीमार आरोग्य योजना, वित्तीय सहायता और वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य कार्ड, वैकल्पिक कौशल प्रशिक्षण के लिए मच्छीमार कौशल्य वर्धन योजना और पेयजल के लिए मच्छीमार शुद्ध जल योजना, और अन्य कार्यक्रम।
कॉरपोरेट मंत्रालय द्वारा स्थापित राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार, समावेशी प्रगति और सतत विकास हासिल करने के लिए सीएसआर के क्षेत्र में कॉरपोरेट पहलों को मान्यता प्रदान करता है। सीएसआर के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च मान्यता के रूप में देखे जाने के साथ ही, सीएसआर विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र मूल्यांकन में 500 से अधिक प्रविष्टियों में से तीन पुरस्कार श्रेणियों में 19 विजेताओं और 19 मानद उल्लेखों को सूचीबद्ध किया गया है। इन श्रेणियों में सीएसआर में उत्कृष्टता के लिए कॉरपोरेट पुरस्कार, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सीएसआर के क्षेत्र में कॉरपोरेट पुरस्कार और राष्ट्रीय प्राथमिकता योजनाओं (नेशनल प्रायोरिटी स्कीम) पर काम करने वाली कंपनियां शामिल थीं।
अदाणी पोर्ट्स एवं विशेष आर्थिक क्षेत्र के बारे में
अदाणी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एपीएसईजेड), विश्व स्तर पर विविध क्षेत्रों में सक्रिय अदाणी समूह का एक हिस्सा है, जो भारत का सबसे बड़ा पोर्ट डेवलपर और ऑपरेटर है। दो दशकों से भी कम समय में कंपनी ने पोर्ट संबंधी बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स सेवाओं में शानदार कार्य किया है। एपीएसईजेड के 10 महत्वपूर्ण पोर्ट और टर्मिनल हैं जो गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, कांडला और हजिरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मोरमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, और चेन्नई में कट्टुपल्ली और एन्नोर में स्थित हैं और जो देश की कुल पोर्ट क्षमता का 24% हैं। ये पोर्ट और टर्मिनल तटीय क्षेत्रों और दूर-दराज के विशाल इलाकों से कार्गो की लदाई करते हैं। इसके अलावा, कंपनी केरल के विझिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट भी विकसित कर रही है।