जम्मू-कश्मीर BDC चुनाव में BJP को वॉकओवर?
महाराष्ट्र और हरियाणा में एक तरफ विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती चल रही है तो में ब्लॉक डिवेलपमेंट काउंसिल के लिए मतदान हो रहा है। ब्लॉक विकास परिषद के चुनाव में कुल 1,065 कैंडिडेट्स मैदान में हैं, जिनके लिए 26,000 पंच और सरपंच वोटिंग कर रहे हैं। इस चुनाव का कांग्रेस, पीडीपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस ने बहिष्कार किया है। ऐसे में मुकाबले में सिर्फ बीजेपी और उसके सामने निर्दलीय उम्मीदवार ही बचे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी के लिए यह शायद जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे आसान चुनाव हैं।
राज्य से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद यह पहले चुनाव हैं। जम्मू-कश्मीर में कुल 316 ब्लॉक हैं, जिनमें से 310 पर वोटिंग हो रही है। दो ब्लॉकों में निर्वाचित पंच और सरंपच नहीं है और 4 ब्लॉक महिलाओं के लिए आवंटित हैं और वहां कोई महिला प्रत्याशी नहीं है। चुनाव में करीब 80 फीसदी उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर मैदान में हैं, इसके अलावा 20 पर्सेंट कैंडिडेट्स बीजेपी के हैं। मतदान के बाद ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी।
यह चुनाव पार्टी लाइन पर ही होते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस, पीडीपी, नैशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स कॉन्फ्रेंस की ओर से इनका बहिष्कार किया गया है। ऐसे में मुकाबला बीजेपी बनाम निर्दलीय के बीच हो गया है। सूबे से आर्टिकल 370 को असंवैधानिक तरीके से हटाने का आरोप लगाते हुए इन दलों ने चुनाव का बॉयकॉट किया है।
विपक्षी दलों की ओर से इन चुनावों पर सवाल उठाए जाने की एक वजह कुछ कई सीटों पर वोटर्स का न होना है। 2018 में घाटी की दो प्रमुख पार्टियों पीडीपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया था। इसके चलते कई सीटें खाली ही रह गईं। घाटी में पंचों की 60 पर्सेंट सीटें और 45 पर्सेंट सरपंच के पद खाली पड़े हैं। अब एक बार फिर से बॉयकॉट ने अजीब स्थिति पैदा कर दी है। कई ब्लॉक्स में ऐसे भी कैंडिडेट्स हैं, जिन्हें प्रवासी मतदाताओं का ही समर्थन हासिल है। जम्मू-कश्मीर में कम मतदान का इतिहास रहा है, लेकिन इस बार यह खासा कम रह सकता है।
Source: National