दीपावली पर्व के पहले दीयों की मांग बढ़ने से कुंभकारों की बढ़ी उम्मीदें
दंतेवाड़ा । अब लोग पुराने परम्परागत ढंग से दीपावली पर्व को मनाने के लिए आगे आ रहे हैं। अभी मिट्टी के दीयों सहित मिट्टी से निर्मित अन्य सामग्रियों की मांग के साथ ही धान की बालियों से निर्मित सेला, स्थानीय सन एवं पटवा की रस्सियों से निर्मित गेरवां आदि की मांग होने लगी है। यह बात दन्तेवाड़ा साप्ताहिक बाजार में दीयों और मिट्टी निर्मित अन्य सामग्री बेचने आये कुम्हाररास निवासी कुम्भकार नलसिंह,रामबती, अनिता ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया। इन कुंभकारों ने कहा कि इस त्यौहारी सीजन में हाट-बाजारों के साथ ही नगरीय क्षेत्रों में लोग मिट्टी के दीयों और मिट्टी से निर्मित कलश, टिकसी, धूप-आरती के लिए उपयोग में आने वाली धूपबत्ती दान इत्यादि की अच्छी खरीदी कर रहे हैं।
दन्तेवाड़ा नगर के समीप कुम्हाररास गांव के कुम्भकार परिवारों की महिलाएं सुबरबत्ती एवं अखबत्ती ने बताया कि बीते साल की अपेक्षा इस वर्ष दीयों और मिट्टी से बनाये गये अन्य सामानों की मांग ज्यादा है, जिससे उन्हें इस साल सामानों की अधिक बिक्री होने के फलस्वरूप अच्छी आमदनी होने की उम्मीद है। इन महिलाओं ने बताया कि अभी लगभग एक से डेढ़ हजार रुपये का ही सामान बेचे हैं,धनतेरस तक दीयों और मिट्टी के अन्य सामानों की मांग बनी रहेगी तो निश्चित ही अच्छा मुनाफा होगा।
दन्तेवाड़ा के वरिष्ठ नागरिक श्री पीएन उड़कुड़े परम्परागत ढंग से त्योहारों को मनाने की दिशा में लोगों की बढ़ती सहभागिता को पूर्वजों की देन निरूपित करते हुए बताते हैं यह आने वाली पीढ़ी के लिये सीख देने के साथ ही आवश्यक भी है। जिससे हम अपने संस्कार और धरोहर को सहेज कर रख सकें। उन्होंने इस दिशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ी त्योहारों को स्थानीय परम्पराओं के अनुरूप मनाने हेतु प्रोत्साहन देने की प्रयासों को रेखांकित करते कहा हमारे प्रदेश के मुखिया की चिट्ठी के जरिये भी लोग दीपावली पर्व के लिये दीयों और मिट्टी से निर्मित अन्य सामान, सजावटी सामग्रियों की खरीदी के लिये प्रेरित हो रहे हैं।
इस दिशा में स्थानीय कुंभकारों, हस्तशिल्पियों, कारीगरों सहित ग्रामीणों को रोजगार देने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिये निरंतर प्रोत्साहन देना जरूरी है। वहीं इन कुंभकारों, हस्तशिल्पियों, कारीगरों और ग्रामीणों के द्वारा पर्यावरण अनुकूल निर्मित ऐसे सामग्रियों के उपयोग करने के लिए व्यापक जनजागरूकता निर्मित करना आवश्यक है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुसार दीपावली पर्व के दौरान मिट्टी के दीयों और मिट्टी से निर्मित अन्य सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देने सहित उक्त सामग्री निर्मित करने वाले कुंभकारों और ग्रामीणों को सामानों के विक्रय के लिए जिले के हाट-बाजारों तथा नगरीय क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पहल किया जा रहा है। इस हेतु कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने सम्बंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा है।