चंद्रयान-2: ऑर्बिटर ने ली चांद की खूबसूरत तस्वीर
सुरेंद्र सिंह, नई दिल्ली
चांद की सतह से 100 किलोमीटर दूर चक्कर काट रहे चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के सिंथेटिक अपर्चर रेडार ने इम्पैक्ट क्रेटर की बेहद खूबसूरत तस्वीर भेजी है। यह चांद के दक्षिण पोल पर मौजूद क्रेटर के ऑरिजिन और उम्र को बताएगा जो निश्चित रूप से चांद के विकास को समझने में मदद करेगा। इस बीच, नासा ने स्पष्ट किया है कि चंद्रमा क्षेत्र के पास से हाल में गुजरे उसके ऑर्बिटर द्वारा कैद की गई तस्वीरों में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का कोई सुराग नहीं मिला है
चांद की सतह से 100 किलोमीटर दूर चक्कर काट रहे चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के सिंथेटिक अपर्चर रेडार ने इम्पैक्ट क्रेटर की बेहद खूबसूरत तस्वीर भेजी है। यह चांद के दक्षिण पोल पर मौजूद क्रेटर के ऑरिजिन और उम्र को बताएगा जो निश्चित रूप से चांद के विकास को समझने में मदद करेगा। इस बीच, नासा ने स्पष्ट किया है कि चंद्रमा क्षेत्र के पास से हाल में गुजरे उसके ऑर्बिटर द्वारा कैद की गई तस्वीरों में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का कोई सुराग नहीं मिला है
ये इम्पैक्ट क्रेटर चांद की सतह पर एक च्रकीय दबाव हैं जो कि उल्कापिंड,क्षुद्रग्रह, धूमकेतू की लगातार वर्षा के कारण तैयार होते हैं। सिथेंटिक अपर्चर रेडार (SAR) का एल ऐंड एस बैंड एक शक्तिशाली रिमोट सेंसिंग उपकरण है जो कि ग्रह के सतह और उप-सतह का अध्ययन करता है। यह इम्पैक्ट क्रेटर के आकृति विज्ञान की जानकारी देता है।
वहीं, एल-बैंड का गहराई में जा सकने वाली क्षमता चांद के दबे हुए हिस्से की अंदरुनी हिस्से की जांच में मदद करता है। एल ऐंड एस बैंड स्थायी रूप से छायादार क्षेत्र में जमे बर्फ की पहचान और उनकी मात्रा का आकलन करने में भी मदद करते हैं।
इससे पहले चंद्रयान-1 के ऑर्बिटर में मौजूद सिंगल एस-बैंड वाले SAR और नासा के एलआऱओ पर मौजूद SAR ने इम्पैक्ट क्रेटर में विस्फोट से निकले मटीरियल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी थी।
Source: National