जेद्दा में फंसे 21 भारतीय, वीजा-पासपोर्ट छीने
इनमें से 4 हावड़ा से थे, 10 हुगली, 3 पूर्वी बर्धमान से, 2 उत्तर और एक दक्षिण 24 परगना जिले से थे। एक अन्य मुंबई के थाने से था। ये सभी मुंबई के गोल्ड मार्केट में कारीगर के रूप में काम करते थे। के चेयरपर्सन शेख जिन्नार अली ने बताया कि उन्हें शांतनु पाल के परिवार से कॉल आई। उनके जरिए उन्हें पता चला कि दो साल पहले एक एजेंट की मदद से शांतनु जेद्दा के मुशाली फैक्ट्री में काम करने गए थे। वह टूरिस्ट वीजा के तहत वहां गए थे। वीजा पहले से ही एक्सपायर हो चुका है और लंबे समय से उन्होंने अपने परिजनों से बात नहीं की है।
सही सलामत वापस लाने का प्रयास जारी काफी प्रयासों के बाद उन्होंने अपने परिवार से बात की और बताया कि उनका पासपोर्ट और वीजा जेद्दा में लैंड करते ही उनसे ले लिया गया था। परिवार ने जेद्दा में भारतीय दूतावास में बात करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। शांतनु के परिवार ने अली को बताया कि 21 लोगों को वहां झूठी नौकरी का ख्वाब दिखाकर ले जाया गया है।
कई प्रयास के बाद उस नंबर पर संपर्क हुआ जिससे शांतनु ने कॉल की थी। इसके बाद एक दूसरे शख्स नजरूल इस्लाम से संपर्क किया गया। उन्हें नैशनल ऐंटी ट्रैफिकिंग कमिटी ऐप डाउनलोड करने और शिकायत दर्ज करने को कहा गया। शेख जिन्नार अली ने बताया कि विदेश मंत्रालय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पूरे मामले के बारे में बता दिया गया है। जेद्दा में भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया है। उन्हें सही सलामत वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि वे लोग वहां बिना पर्सनल फंड, वीजा और वैलिड पासपोर्ट के फंसे हुए हैं।
Source: National