'आर्टिकल 370 पर निष्पक्ष नहीं थी वेस्टर्न मीडिया'
विदेश मंत्री ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद जब वह अमेरिका की यात्रा पर थे तो ने दूसरों की अपेक्षा अधिक कठिन चुनौती पैदा की। उन्होंने कहा कि वे पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और मामले की निष्पक्ष तस्वीर प्रस्तुत नहीं कर पाए।
यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम में बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 में बदलाव भारत का आंतरिक मामला था। उन्होंने कहा, ‘यह बदलाव हमारा आंतरिक मामला है लेकिन जाहिर है कि इस पर दुनिया की रुचि थी क्योंकि इस पर लोगों के अलग-अलग विचार हैं और हमारे पड़ोसी देश ने इस पर गलतफहमी पैदा की थी।’
दुनिया को बदलाव के बारे में समझाया
मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने के बाद भारत ने विभिन्न देशों की सरकार के साथ मुलाकात को प्राथमिकता दी, जिससे वह यह समझ सकें कि यह बदलाव किस बारे में था।
उन्होंने आगे कहा, ‘जब मैं सितंबर में अमेरिका के दौरे पर था , हमने इस पर काफी प्रगति की। मुझे लगता है कि मीडिया हमारे लिए कठिन चुनौती थी, विशेषतौर पर वेस्टर्न मीडिया क्योंकि इस मुद्दे पर वे काफी वैचारिक थे। उनके पास पूर्व निर्धारित विचार थे। मुझे लगता है कि कई मायनों में उन्होंने निष्पक्ष तस्वीर प्रस्तुत नहीं की।’
कश्मीर के विकास में बाधक था आर्टिकल 370
जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 कश्मीर में व्यापार की गुंजाइश को कम कर रहा था और लागत को बढ़ा रहा था, जिसका मतलब है कि इससे वहां विकास कम हो रही थी। बता दें 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित भागों में बांट दिया गया था।
Source: National