महाराष्ट्र-हरियाणा में बीजेपी की असल परीक्षा
इसके साथ ही बीजेपी हरियाणा में भी मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में एक बार फिर से वापसी के लिए मैदान में उतरी है। विपक्ष भले चुनाव प्रचार के दौरान उत्साहहीन नजर आया, लेकिन उसे ऐंटी-इन्कम्बैंसी फैक्टर से उम्मीद है। महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ ही 18 राज्यों की 51 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर भी मतदान होना है, जिनसे राज्यों के राजनीतिक माहौल का पता चल सकेगा। महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने तमाम मतभेदों को दूर करते हुए अंत में गठबंधन बनाकर उतरने का फैसला लिया था। दूसरी तरफ लंबे समय से साथी एनसीपी और कांग्रेस कैंपेन के दौरान कमजोर नजर आए। पूरी कमान एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने ही संभाले रखी।
महाराष्ट्र में कुल 8,98,39,600 लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 4,28,43,635 महिलाएं शामिल हैं। सूबे में वोटिंग के लिए 96,661 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। राज्य के चुनावी समर में 235 महिलाओं समेत कुल 3,237 उम्मीदवार चुनावी समर में हैं। हरियाणा की बात की जाए तो यहां बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से नजर आता है। हालांकि 90 सीटों वाले हरियाणा के कई इलाकों में इंडियन नैशनल लोक दल से अलग होकर बनी पार्टी जेजेपी मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकती है। 1.83 करोड़ मतदाता तय करेंगे कि खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार एक बार फिर से सत्ता में लौटेगी या फिर कांग्रेस का वनवास खत्म होगा। बता दें कि लोकसभा चुनाव में दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की थी।
लोकसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी ने किया था क्लीन स्वीप
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें है, जिनमें से सभी पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इसके अलावा महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटों में से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने 41 सीटों पर फतह हासिल की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में भी भगवा कैंप का पलड़ा भारी रह सकता है। दोनों ही राज्यों में वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी।
आर्टिकल 370 को मुद्दा बना आक्रामक हुई बीजेपी
चुनाव कैंपेन की बात करें तो बीजेपी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कमान संभाली थी। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को बीजेपी ने चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाए रखा। हालांकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल किसी सटीक रणनीति पर चलते नहीं दिखे। कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने जरूर बीजेपी शासित केंद्र और राज्य सरकारों पर इकॉनमी के मोर्चे पर फेल होने को लेकर हमला बोला।
इस बार शिवसेना के मुकाबले सीनियर पार्टनर है BJP
महाराष्ट्र में बीजेपी 164 सीटों पर चुनावी समर में उतरी है, जबकि सहयोगी दल शिवसेना 126 सीटों पर मैदान में है। बीजेपी ने अपने सिंबल पर छोटे सहयोगी दलों के कई कैंडिडेट्स को भी उतारा है। दूसरी तरफ कांग्रेस 147 और एनसीपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य दलों की बात करें तो राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस ने 101 कैंडिडेट्स उतारे हैं। वामपंथी दल सीपीआई ने 16 और सीपीएम ने 8 कैंडिडेट्स उतारे हैं।
हरियाणा में कांग्रेस ने बदला अध्यक्ष, बीजेपी ने बढ़ाया टारगेट
हरियाणा में कांग्रेस ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी ने 90 में से 75 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। फिलहाल सूबे की विधानसभा में बीजेपी के 48 सदस्य हैं। इनेलो से टूटकर बनी दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी भी लोकसभा में हार के बाद अपनी संभावनाओं में सुधार की उम्मीद कर रही है।
यूपी की 11 विधानसभा समेत 51 सीटों पर उपचुनाव
उपचुनाव की बात करें तो बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर वोटिंग होनी है। इनमें एसपी नेता आजम खान के प्रभाव वाली रामपुर सीट भी शामिल है, जहां हाईप्रोफाइल मुकाबला रहा है। इसके अलावा गुजरात की छह सीटों, बिहार की 5, असम की 4 और हिमाचल प्रदेश तथा तमिलनाडु की दो-दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। अन्य राज्यों जहां उपचुनाव होगा, उनमें पंजाब की चार सीटें, केरल की पांच, सिक्किम की तीन, राजस्थान की दो और अरूणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, मेघालय और तेलंगाना की एक-एक विधानसभा सीटें शामिल होंगी। उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबले की संभावना है क्योंकि बीजेपी, एसपी, बीएसपी और कांग्रेस ने सभी 11 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे हैं।
Source: National