शिवपुरी में पेशी पर आए डकैती के आरोपी ने जज पर उछाली चप्पल
शिवपुरी. तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमर इकबाल खान के न्यायालय में शुक्रवार की दोपहर उस समय सनसनी फैल गई जब डकैती के मामले में विचाराधीन आरोपी मुकेश पंडा ने अंडरवियर में छुपाकर लाई गई चप्पल न्यायाधीश को निशाना बनाते हुए उनकी ओर फेंक दी जो डेस्क पर जा लगी. इस घटना में न्यायाधीश बाल-बाल बच गए. इसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और स्टाफ ने आरोपी को पकड़ लिया.
इसके बाद लोक अभियोजक भगवानलाल राठौर ने मामले की शिकायत कोतवाली में की जिसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. घटना के पीछे जो कारण बताया जा रहा है उसके मुताबिक आरोपी मुकेश पंडा का केस पिछले 4 साल से चल रहा है और केस में कोई फैंसला नहीं हो पा रहा था इससे व्यथित होकर उसने यह चप्पल फैंकी.
हालांकि न्यायालय में एक साल के भीतर दूसरी बार हुई चप्पल फेंकने की वारदात बेहद शर्मनाक हैं और पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है. जानकारी के अनुसार आज दोपहर करीब ढाई बजे के लगभग डकैती सहित अन्य गंभीर मामलों में विचाराधीन जेल में बंद आरोपी मुकेश पुत्र रामदयाल पंडा को पेशी के लिए पुलिसकर्मी तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमर इकबाल खान के न्यायालय में ले गए .
जहां आरोपी ने पहले से ही अपनी अंडरवियर में चप्पल छिपा रखी थी और न्यायालय में पहुंचने के बाद जैसे ही आरोपी को कठघरे में खड़ा किया तभी उसने अपनी अंडरवियर से चप्पल निकालकर न्यायाधीश की ओर उछाल दी लेकिन चप्पल उनकी डेस्क पर गिर गई. अचानक हुई इस घटना से लोग सकते में आ गए और तुरंत ही आरोपी को पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया. घटना के बाद पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. यहां बता दें कि शुक्रवार की घटना के दौरान कोर्ट मुंशी यानि पुलिस आरक्षक भी न्यायालय में घटना के समय मौजूद नहीं था.
एक साल पहले भी फैंकी थी चप्पल
शिवपुरी न्यायालय परिसर में करीब एक साल पहले द्वितीय अपर सत्र न्यायाध्ाीश रमेश श्रीवास्तव की अदालत में भी चप्पल फैंकी गई थी तत्समय भी एक आरोपी को पेशी पर लाया गया था जिसने चप्पल फेंक दी थी इसके बाद किसी भी कैदी को चप्पल पहनकर आने की मनाही थी. आज भी आरोपी मुकेश नंगे पैर आया लेकिन पहले से उसने अंडरवियर में चप्पल छिपा ली. यह चप्पल उसे जेल से ही मिली या न्यायालय के लॉकअप से हासिल हुई कहा नहीं जा सकता लेकिन घटना दुर्भाग्यपूर्ण है.