राम मंदिर निर्माण में पहली ईंट रखने की हसरत, बेंगलुरु से अयोध्या पहुंच रहे रामभक्त
सुप्रीम कोर्ट ने को लेकर भले ही अभी कोई फैसला न सुनाया हो, लेकिन अयोध्या में राममंदिर निर्माण के दौरान पहली ईंट रखने की हसरत लेकर पहुंचने लगे है। सिर पर रामनाम की ईंट लेकर से के लिए निकला एक जत्था गुरुवार की शाम सुलतानपुर की सीमा में दाखिल हुआ। शुक्रवार को यह जत्था सीताकुण्ड धाम पहुंचा। 1900 किमी की यात्रा तय करके सुलतानपुर पहुंचे रामभक्तों ने लोगों को राम मंदिर निर्माण का संकल्प दिलाया।
57 दिन की इस यात्रा में रामभक्त अब अयोध्या के लिए कूच कर चुके हैं। ये सभी दक्षिण भारत के बेंगलुरु से चलकर सुलतानपुर पहुंचे थे। अयोध्या में रामलला विराजमान पर भव्य मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर 20 से अधिक रामभक्त सीताकुण्ड धाम पहुंचे। यहां उन्होंने विश्राम किया और लोगों को राम मंदिर निर्माण में सहयोग की शपथ दिलाई।
जत्थे की अगुवाई कर रहे एचएस मंजूनाथ ने बताया कि वे सभी बेंगलुरु से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर निकले हैं। उन्होंने 57 दिन में यह संकल्प यात्रा पूरी करने का प्रण लिया है। सुलतानपुर अवध का क्षेत्र है, जहां भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने दिन बिताए थे। माता जानकी ने वनगमन के दौरान सीताकुण्ड घाट पर स्नान किया था। यहीं से बाबरी मस्जिद ढहाने की रूप रेखा तैयार की गई थी, इसलिए इस पौराणिक स्थल पर आकर लोगों को राम मंदिर निर्माण की ओर अग्रसर करने का कार्य किया गया है। जत्थे में शामिल मंजय चावणी ने बताया कि उनकी यह पदयात्रा रामलला के दर्शन के बाद पूरी होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि वे राम मंदिर निर्माण में ईंट रख सकेंगे।
Source: Uttarpradesh