करतारपुर: पाक के रुख पर भारत की दो-टूक
करतारपुर कॉरिडोर के शुरू होने से पहले ने को नसीहत देते हुए श्रद्धालुओं से लिए जाने वाले रुख नरम करने की नसीहत दी है। बता दें कि पाकिस्तान ने कॉरिडोर को लेकर समझौते का अंतिम मसौदा भारत के पास भेजा है। इसके मुताबिक प्रत्येक भारतीय तीर्थयात्री से 20 डॉलर की फी ली जाएगी। पाकिस्तान इसे एंट्री फी की जगह सर्विस चार्ज कह रहा है। भारत पहले भी इस प्रस्ताव को ठुकरा चुका है। भारत ने उम्मीद जताई कि यात्रा शुरू होने से पहले दोनों देशों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पर कई राउंड की बैठक हुई है। इसमें तीर्थयात्रियों पर लगने वाले फी के अलावा अन्य सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ कई राउंड की बैठक के बाद हम सर्विस फी के अलावा सभी मुद्दों पर सहमति पर पहुंच गए हैं। पाकिस्तान 20 डॉलर (1,420 रुपया) सर्विस चार्ज पर अड़ा हुआ है।’ उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि श्रद्धालुओं के हित को देखते हुए वह सर्विस चार्ज नहीं लगाए।
क्या है करतारपुर कॉरिडोर?
बता दें कि सिखों के पवित्रतम धार्मिक स्थलों में से एक करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है। यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से करीब तीन किलोमीटर दूर है और लाहौर से इसकी दूरी करीब 120 किमी है। ननकाना साहिब के नाम से मशहूर इसी गुरुद्वारे में गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम पल बिताए थे और सिखों की इस पवित्र स्थल के प्रति गहरी आस्था है। भारत में रहने वाले सिखों को सुगम दर्शन के उद्देश्य से दोनों देशों की सरकारों ने करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कराया है।
करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी आगामी 8 नवंबर को करेंगे। हाल ही में पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर समझौते का अंतिम मसौदा भारत के पास भेजा है। इसके मुताबिक पाकिस्तान प्रत्येक भारतीय तीर्थयात्री से 20 डॉलर की फीस लेगा। पाकिस्तान इसे एंट्री फी के बजाय सर्विस चार्ज कह रहा है। इससे पहले भी भारत पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को ठुकरा चुका है। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, इस कॉरिडोर के जरिए रोजाना 5000 तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने की इजाजत होगी, हालांकि कुछ दिन बाद इस सीमा को बढ़ाकर 10,000 किया जा सकता है।
Source: National