सावरकर को भारत रत्न के वादे पर दिग्विजय का तंज, अंग्रेजों से माफी मांगकर वह आ गए थे वापस

सावरकर को भारत रत्न के वादे पर दिग्विजय का तंज, अंग्रेजों से माफी मांगकर वह आ गए थे वापस
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भोपाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में हिंदुत्व विचारक वीर देने के वादे पर कांग्रेस ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि महात्मा गांधी की हत्या की साजिश में भी उनका नाम आया था। उन्होंने कहा कि उनके जीवन के दो पहलू हैं, वह अंग्रेजों से माफी मांगकर वापस आ गए थे।

झाबुआ सीट से कांतिलाल भूरिया के चुनाव प्रचार के लिए अलिराजपुर पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘सावरकर के जीवन के दो पहलू हैं- वह आजादी की लड़ाई में शामिल भी हुए और दूसरा जब माफी मांगकर वह वापस आ गए थे। महात्मा गांधी की हत्या की साजिश में भी उनका नाम आता है।’

कांग्रेस का तंज- बीजेपी गोडसे को सम्मान देने की क्यों नहीं सोच रही?
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता और आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद ने भी सावरकर को भारत रत्न देने की बीजेपी की मांग पर निशाना साधा था। उन्होंने बीजेपी की इस मांग पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को यह सम्मान देने की मांग क्यों नहीं करती? कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष पर इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचना चाहिए।

बीजेपी ने किया सावरकर को भारत रत्न देने का वादा
मनीष तिवारी ने कहा कि सावरकर ने महात्मा गांधी हत्याकांड में कोशिश की (और बाद में रिहा भी हुए)। एक जांच आयोग ने पाया था कि सावरकर और उनके कुछ सहयोगियों को संभवतः इस साजिश के बारे में पहले से ही जानकारी थी। बता दें कि बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने मंगलवार को विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी करते हुए 19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ सावरकर को भी भारत रत्न देने की मांग की थी।

दिग्विजय ने दिए राजनीति छोड़ने के संकेत
अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले दिग्विजय सिंह ने राजनीति छोड़ने के संकेत दिए हैं। झाबुआ विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया के लिए प्रचार करने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह कांतिलाल भूरिया का आखिरी चुनाव है, उन्हें वोट देकर जिता दो। दिग्विजय बोले, ‘मैं और कांतिलाल भूरिया दोनों ही लंबे समय तक राजनीति कर चुके हैं। हम एक उम्र में पहुंच चुके हैं जहां से हमें रिटायर हो जाना चाहिए। कांतिलाल भूरिया अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं।’

Source: Madhyapradesh

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