मोहपाश मामला : दो महिला आरोपियों की लिखावट और आवाज के नमूने लेने की मंजूरी दी गयी
इंदौर, 15 अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के बहुचर्चित मोहपाश (हनी ट्रैप) मामले में मंगलवार को एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को इस हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल की दो महिला आरोपियों की लिखावट और आवाज के नमूने लेने की अनुमति दे दी। दोनों आरोपी मामले के चार अन्य आरोपियों के साथ न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) मनीष भट्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पुलिस को अनुमति दी कि वह जिला जेल जाकर आरती दयाल (29) और श्वेता विजय जैन (39) की लिखावट और आवाज के नमूने ले सकती है। आरती के खिलाफ आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देते हुए इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह (60) से फोन पर तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। सिंह ने बातचीत की इसी रिकॉर्डिंग के बूते मामले में पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। सूत्रों ने बताया कि अदालत की मंजूरी के बाद आरती की आवाज का नमूना लिया जायेगा और जांच के जरिये इसका उस महिला स्वर से मिलान किया जायेगा जिसकी बातचीत की रिकॉर्डिंग नगर नगम अधिकारी ने पुलिस को सौंपी है। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में पेश आवेदन के मुताबिक आरती और श्वेता विजय जैन से जब्त दस्तावेजों और डायरी में शिकायतकर्ता (सिंह) और अन्य लोगों से कथित तौर पर की गयी जबरिया उगाही तथा ऐसी उगाही के प्रयास से जुड़ी धनराशि के विवरण दर्ज किये गये हैं। लिहाजा इन दस्तावेजों की जांच के लिये दोनों आरोपियों की लिखावट का नमूना लिया जाना भी जरूरी है। उधर, बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत में इस अर्जी पर जोरदार आपत्ति जतायी। उन्होंने बहस के दौरान कहा कि अभियोजन पक्ष को खुलासा करना चाहिये कि ये “अन्य लोग” कौन हैं, क्योंकि मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के कई दिन बाद भी सिंह के अलावा किसी दूसरे शिकायतकर्ता या पीड़ित व्यक्ति का नाम जाहिर नहीं किया गया है। बचाव पक्ष के वकीलों ने बहस में कहा कि अभियोजन पक्ष मामले की सुनवाई को बिना किसी ठोस आधार के लम्बा खींचने का प्रयास कर रहा है। गौरतलब है कि नगर निगम अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को मोहपाश गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। आरती और श्वेता विजय जैन समेत गिरोह की पांच महिलाओं और उनके वाहन चालक को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। गिरोह पर आरोप है कि वह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने “शिकारों” को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था।
Source: Madhyapradesh