दाऊद-मिर्ची और पटेल…क्या है 'डील' की कहानी

दाऊद-मिर्ची और पटेल…क्या है 'डील' की कहानी
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मुंबई
पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच की तलवार लटकी हुई है। ईडी कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहयोगी इकबाल मिर्ची और प्रफुल्ल पटेल के बीच एक कथित लैंड डील को लेकर जांच कर रही है। ईडी का आरोप है कि एनसीपी नेता के परिवार की ओर से प्रमोटेड कंपनी और इकबाल मिर्ची के बीच फाइनैंशल डील हुई थी। ईडी ने इस जमीन डील को लेकर प्रफुल्ल पटेल को समन भेजा है। जांच एजेंसी ने उन्हें 18 अक्टूबर को पेश होने को कहा है।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला-

इकबाल मिर्ची और प्रफुल्ल पटेल का लिंक

ईडी ने इकबाल मिर्ची के परिवार से एक फाइनैंशल डील के सिलसिले में प्रफुल्ल पटेल पर शिकंजा कसा है। ईडी का आरोप है कि इस डील के तहत मिलेनियम डिवेलपर्स को मिर्ची का वर्ली स्थित एक प्‍लॉट दिया गया था। इसी प्लॉट पर मिलेनियम डिवेलपर्स ने 15 मंजिला कमर्शल और रेजिडेंशल इमारत का निर्माण किया है। इसका नाम सीजे हाउस रखा गया है। इसके बाद 2007 में कंपनी ने कथित तौर पर सीजे हाउस में 14 हजार वर्ग फीट के दो फ्लोर मिर्ची की बीवी हाजरा को एक रजिस्‍टर्ड अग्रीमेंट के तहत दे दिए गए।

कौन है इकबाल मिर्ची?
इकबाल मिर्ची, अंडरवर्ल्ड डॉन और 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के प्रमुख आरोपी दाऊद इब्राहिम का करीबी सहयोगी था। अगस्त 2013 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी इकबाल मिर्ची की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। वह 1993 में मुंबई में हुई सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपियों में शामिल था। 63 साल का मिर्ची भारत में ड्रग तस्करी के आरोपों का भी सामना कर रहा था। वह आईपीएल मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी को लेकर भी जांच के दायरे में था।

ड्रग तस्करी और आतंकवाद के आरोपों के चलते 1995 में स्कॉटलैंड यार्ड की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन 1999 में जांच में आपराधिक गतिविधि का कोई सुबूत नहीं मिलने पर 2001 में उसे ब्रिटेन में रहने की अनिश्चितकालीन छूट दे दी गई। उसे 2011 में एक व्यक्ति को मारने की धमकी देने के आरोप में पकड़ा गया था, लेकिन इस मामले में भी सुबूत नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया गया। दोनों बार सीबीआई ने उसके भारत प्रत्यर्पण की मांग की, लेकिन विदेश मंत्रालय के दखल के बावजूद ब्रिटेन ने इसे नहीं माना।

इकबाल की पत्नी से प्रफुल्ल की कंपनी की डील
ईडी के दावे के मुताबिक, इकबाल मिर्ची की पत्नी हाजरा मेमन ने पटेल के परिवार से एक प्रॉपर्टी डील की थी। ईडी का दावा है कि प्रफुल्ल पटेल द्वारा संचालित फर्म, मिलेनियम डेवलपर्स ने 2007 में मुंबई के सीजे हाउस में दो मंजिलों को ‘जमीन पर इकबाल मिर्ची के लाभकारी हितों’ के लिए हाजरा को ट्रांसफर कर दिया था।

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मिर्ची ने अधिकांश प्रॉपर्टी अपनी बीवी और अपने बेटों के नाम खरीदी थी। वर्ली की प्राइम लोकेशन पर उनके कई प्‍लॉट हैं। वर्ली में जिस प्‍लॉट पर 1980 के दशक में मिर्ची का डिस्‍कोथेक ‘फिशरमैंस वार्फ’ बना था वह भी हाजरा के ही नाम था। ईडी को 1999 से 2007 के बीच जमीन के मालिकाना हक वाले कागज भी मिल गए हैं। ईडी के मुताबिक एक दस्‍तावेज में हाजरा और मिलेनियम डिवेलपर्स के बीच इस प्‍लॉट को फिर से डिवेलप करने की हुई डील के सबूत हैं।

ईडी का दावा
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर आरोप है कि उनकी फैमिली की ओर से प्रमोटेड कंपनी और ‘मिर्ची’ के नाम से कुख्यात दिवंगत इकबाल मेमन के बीच फाइनैंशल डील हुई थी। पटेल फैमिली की ओर से प्रमोटेड कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मिर्ची फैमिली के बीच हुए लीगल अग्रीमेंट की ईडी की ओर से जांच की जा रही है। ईडी ने इस मामले में प्रफुल्ल पटेल को समन भेजकर 18 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है।


प्रफुल्ल पटेल की सफाई
उधर, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने अपनी फैमिली और इकबाल मिर्ची के बीच फाइनैंशल डील पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि इकबाल मेमन के साथ जिस जमीन की डील को लेकर आरोप लग रहे हैं, वह पूरी तरह कानूनी रूप से हुई थी। उन्होंने जमीन का पूरा इतिहास बताते हुए साफ किया कि किस तरह विवादित जमीन को 1990 में ही बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में एक शख्स एम.के. मोहम्मद द्वारा हाजरा इकबाल मेमन को बेचा गया था। उन्होंने कहा कि उसके बाद मेरे पटेल परिवार के कुछ विवाद हुए और इसके बाद इकबाल मेमन के साथ साल 2004 में जमीन को लेकर डील हुई। यह डील रजिस्ट्रार के सामने हुई। सारे दस्तावेज कलेक्टर के सामने रखे गए। अगर इकबाल मेमन दागी था, तो उस वक्त ही प्रशासन इस डील पर रोक लगा देता।

प्रफुल्ल ने बताया जमीन का इतिहास
प्रफुल्ल पटेल ने जमीन के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा, ‘इस जमीन को माधवराव जीवाजी राव सिंधिया ने 1963 में कुछ लोगों को बेचा था, जिसमें मेरे परिवार के 21 लोग भी शामिल थे। जहां सीजे हाउस है, वह प्लॉट एफ पर बनी है और 1970 में बनी थी। मेरे पिता के देहांत के बाद कुछ पारिवारिक विवाद हुए और जमीन का मुद्दा कोर्ट में चला गया। 1978 से यह बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में थी।’

उन्होंने कहा, ‘बिल्डिंग के पीछे कुछ लोगों ने अवैध इमारतें बना ली थीं। दरअसल वे दो रेस्ट्रॉन्ट थे, जिसका अवैध कब्जा था, उसका नाम एम. के. मोहम्मद था। हाई कोर्ट के रिसीवर ने 21 मार्च 1988 को 7 लाख रुपये सेटलमेंट देने को कहा और कोर्ट ऑर्डर के बाद से वह जमीन उसके पास चली गई। 4 अप्रैल 1990 को उसने कोर्ट की निगरानी में यह जमीन हजरा इकबाल मेमन को बेच दी। यह 1990 तक उस जमीन का इतिहास रहा।’

पीएमसी बैंक घोटाले से भी जुड़े तार
ईडी के हाथ कुछ ऐसे कागजात लगे हैं जिसमें कथित रूप से खुलासा हुआ है कि प्रफुल्ल पटेल ने पीएमसी घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग का प्राइवेट जेट इस्तेमाल किया था। ये दोनों 2012 में हाउसिंग डिवलेपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर थे, उस वक्त पटेल केंद्रीय मंत्री थे। प्राइवेट प्रिविलेज एयरवेज के पैसेंजर मेनिफेस्ट के अनुसार, पटेल ने 2012 में 8 बार जेट का इस्तेमाल किया था जिसमें वाधवन मेजॉरिटी शेयरहोल्डर हैं।

बता दें कि एचडीआईएल का पीएमसी बैंक में 4,335.46 करोड़ रुपये बकाया था जिसे 2008 से चुकाया नहीं गया था। जिस कारण बैंक खाताधारकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ईडी ने वधावन की जो 3,830 करोड़ की संपत्ति जब्त की है, उसमें दो जेट विमान भी शामिल हैं- बॉम्बार्डियर चैलेंजर 300 और फाल्कन 200।

Source: National

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