टैगोर से अभिजीत तक, इन भारतीयों को नोबेल
भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (58) को 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। कलकत्ता यूनिवर्सिटी और दिल्ली के जेएनयू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाले बनर्जी को यह सम्मान उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो और अमेरिकी अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ दिया गया है। अभिजीत इस सम्मान के साथ उन भारतीय और भारतवंशी नागरिकों की एलिट लिस्ट में शामिल हो गए हैं जिन्हें विश्व के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आइए जानते हैं अभिजीत से पहले नोबेल पाने वाले उन भारतीय और भारतवंशी नागरिकों के बारे में…
रवींद्र नाथ टैगोर (1913)
महान कवि और साहित्यकार व राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के रचयिता रवींद्र नाथ टैगोर को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान उनके संवेदनशील, ताजगीभरे और खूबसूरत छंद के लिए दिया गया था। उन्हें यह नोबेल अंग्रेजी में उनकी लिखी रचना के लिए दिया गया था।
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सी वी रमन (1930)
17 साल के इंतजार के बाद भारत के हिस्से एक और नोबेल आया। यह नोबेल फिजिक्स के क्षेत्र में भौतिक शास्त्री सी वी रमन को दिया गया। यह सम्मान उन्हें रोशनी के फैलाव के विषय में उनके काम को लेकर दिया गया।
हर गोविंद खुराना (1968)
भारतीय-अमेरिका खुराना को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र में यह सम्मान दिया गया। यह सम्मान उन्हें ‘जेनेटिक कोड की विवेचना और प्रोटिन सिंथेसिस में इसके फंक्शन’ विषय पर दिया गया था।
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मदर टेरेसा (1979)
मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना करने वालीं सामाजिक कार्यकर्ता और रोमन कैथलिक नन मदर टेरेसा को 1979 में शांति का नोबेल दिया गया था। उन्हें यह सम्मान मानवता की सेवा में उनके प्रयास के लिए दिया गया था।
सुब्रमण्यन चंद्रशेखर (1983)
भारतीय-अमेरिकी चंद्रशेखर को विलियम ए.फॉलर के साथ फिजिक्स का नोबेल दिया गया था। यह सम्मान उन्हें सितारों के विकास और संरचना में फिजिकल प्रॉसेस का सैद्धांतिक अध्ययन के क्षेत्र में दिया गया था।
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अमर्त्य सेन (1998)
कोलकाता में जन्मे अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को कल्याणकारी अर्थशास्त्र की दिशा में उनके प्रयास के लिए 1998 में नोबेल दिया गया था।
वेंकटरमण रामकृष्णन
भारत में जन्मे रामाकृष्णन को 2009 का रसायन का अर्थशास्त्र दिया गया था। उन्हें राइबोसोम की संरचना और क्रियाकलाप के अध्ययन पर दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ यह सम्मान दिया गया था
कैलाश सत्यार्थी (2014)
बाल अधिकार के लिए काम करने वाले और बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी को शांति के नोबेल से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान पाकिस्तान की बाल अधिकार कार्यकर्ता मलाला युसुफजई के साथ दिया गया था।
(पीटीआई से इनपुट के साथ)
Source: National