सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को मिलेगी सुरक्षा
अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने यूपी सरकार को के अध्यक्ष जफर अहमद फारुकी को सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। फारुकी ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता के लिए नियुक्त किए गए जज श्रीराम पंचू के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ से कहा था कि हाल की स्थितियों में उनकी जान को खतरा हो सकता है। इसका संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फारुकी को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए निर्देशित किया।
फारुकी के पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास को भी सुरक्षा प्रदान की है। सरकार की ओर से सत्येंद्र दास को एक निजी सुरक्षाकर्मी दिया गया है। सत्येंद्र दास ने कुछ दिनों पहले अयोध्या जिला प्रशासन से उन्हें खतरा होने की बात कहते हुए सुरक्षा की मांग की थी, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें निजी सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराया।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच गई है। इस मामले में अगले कुछ दिनों में फैसला आने की सुगबुगाहट को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता किया जा रहा है। अयोध्या शासन के लिए अगले दो महीने काफी चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं। संभावित फैसले को देखते हुए जिले में 10 दिसंबर तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।
‘मांगी गई केंद्रीय सुरक्षाबलों की अतिरिक्त कंपनियां’
जिले में सुरक्षा बंदोबस्त के बारे में सिटी एसपी विजयपाल सिंह ने बताया कि सुरक्षा को चाक-चौबंद किया गया है। स्कूल-कॉलेज और धर्मशालाओं की लिस्ट बनाई जा रही है जहां अतिरिक्त फोर्स ठहराई जा सके। पीएसी की 10 कंपनियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां भी मंगाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन फिलहाल अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव के लिए पूरी तैयारी करने में जुटा हुआ है।
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दीपोत्सव और दीपावली के कारण सुरक्षा: प्रशासन
प्रशासन का कहना है कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा मेला, दीपोत्सव और दीपावली को देखते हुए धारा-144 लगाई जाती है। वहीं, 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की वजह से निषेधाज्ञा को रूटीन के तौर पर बढ़ाया जाता रहा है लेकिन इस बार अयोध्या मामले में फैसला आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
Source: National