भाजपा और RSS को नहीं पसंद था अंबेडकर का संविधान: मायावती
लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने दलितों और मुस्लिमों से नरेन्द्र मोदी की ‘फकीरी और तानाशाही’ सरकार को कमजोर करने और सपा को उखाड़ फेंकने के लिए यूपी में बसपा की सरकार बनाने की अपील की है.
मायावती ने मंगलवार को यहां डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 60वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में मोदी सरकार को ‘तानाशाह’ करार दिया. तंज कसा कि प्रधानमंत्री अपने को ‘फकीर’ बताते हैं. इसे कमजोर करने और यूपी में माफियागिरी समाप्त करने के लिए बसपा की सरकार लानी जरुरी है. यही बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी.
उन्होंने कहा कि मुसलमानो को समझना चाहिए कि मोदी सरकार कमजोर नहीं हुई तो अयोध्या के बाद वाराणसी और मथुरा में क्या होगा. इसी तरह दलितों को भी समझना होगा कि रोहित बेमुला कांड की तरह यहां भी क्या-क्या हो सकता है.
उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा के लोग डॉ. अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को बदलना चाहते हैं. संविधान बदलकर सदियों पुरानी वर्ण व्यवस्था को फिर से लाना चाहते हैं. इससे सावधान रहने की जरुरत है क्योंकि वर्तमान संविधान में ही मुसलमान और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लोग सुरक्षित हैं.
मायावती ने कहा कि यह सोचने का विषय है कि अयोध्या में बाबरी ढांचा ध्वस्त करने के लिए 6 दिसम्बर की तिथि ही क्यों चुनी गई. इसकी तह में जाने पर पता चलता है कि तिथि चुनने में आरएसएस और भाजपा की सोची समझी साजिश थी.
उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि दूसरे धर्मों के लोग सम्मानित जीवन जिएं और उनके धार्मिक स्थल सुरक्षित रहें. डॉ. अम्बेडकर ने धर्मनिरपेक्ष संविधान बनाया. 6 दिसम्बर को ही अम्बेडकर का देहान्त हुआ था इसलिए 6 दिसम्बर को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराकर भाजपा ने कई संदेश देने की कोशिश की.
गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित बाबरी ढांचे को ध्वस्त किया गया था. आज उसकी 24वीं बरसी है.