इसरो चीफ के दावो पर उठे सवालिया निशान

इसरो चीफ के दावो पर उठे सवालिया निशान
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नई दिल्ली : इसरो चीफ के दावो पर उठे सवालिया निशान.  सिवन ने मीडिया से कहा था कि इसरो का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क नहीं हैं लेकिन चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सही तरीके से काम कर रहा है. जो हमें सात साल से अधिक समय तक अंतरिक्ष से तस्वीरें भेजता रहेगा. इसरो चीफ के इस बयान पर देश के कई बड़े वैज्ञानिकों ने सवाल खड़े किए हैं.

स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद के पूर्व निदेशक वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने इस पर सवाल खड़े किए हैं. तपन मिश्रा ने एक फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा ‘राजनेता हमेशा प्रेरित करते हैं, वे प्रबंधन नहीं करते. उन्होंने आगे लिखा कि किसी भी संस्थान में अचानक ज्यादा नियमों को मानना पड़े, कागजी कार्यवाही बढ़ जाये, मीटिंग्स का दौर चल पड़े और घुमावदार बातें होने लगें तो यह मान लेना चाहिए कि संस्थान में लीडरशिप दुर्लभ होता जा रहा है.’ आपको बता दें कि यह वही तपन मिश्रा हैं जिनको के. सिवन के इसरो चीफ बनने के बाद स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद के निदेशक पद से हटा दिया गया था.

मिश्रा ने लिखा कि सड़क पर आपका स्कूटर पंचर होता है तो उसे ठीक करने के लिए मैकेनिक बुलाते हैं. ऐसे ही जब स्पेसक्राफ्ट या रॉकेट के साथ कुछ गड़बड़ हो तो आपको उसके जानकारों को नहीं भूलना चाहिए. स्पेस साइंस और टेक्नोलॉजी में 100% भरोसा होना बहुत जरूरी है. उन्होंने आगे लिखा कि अंतरिक्ष में कोई आदमी नहीं बैठा होता जो गड़बड़ी को ठीक करेगा इसलिए पहले अंतरिक्ष में माहौल को समझ लें और संभावित मुसीबतों के अनुसार उस मशीन की जांच कर लें.

अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के वैज्ञानिक भरत ठक्कर ने विक्रम लैंडर की गुणवत्ता नियंत्रण और भरोसेमंद कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये. ठक्कर ने कहा कि विक्रम लैंडर के मैकेनिकल डिजाइन को लेकर पोस्टमार्टम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां यह भी पता लगाने की जरूरत है कि विक्रम के मैकेनिकल डिजाइन में सुरक्षा को लेकर क्या-क्या व्यवस्था की गई थी. इस पर कोई काम किया गया है था या नहीं.

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