मंत्री गुरू रूद्रकुमार शामिल हुए अखिल भारतीय सतनामी सम्मेलन एवं विचार संगोष्ठी में
रायपुर,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार दो दिवसीय अखिल भारतीय सतनामी सम्मेलन एवं विचार संगोष्ठी में शामिल हुए। संत शिरोमणी
गुरू बाबा घासीदास जी के छठवें वंशज गुरू गद्दीनसीन जगतगुरू रूद्रकुमार ने इस संगोष्ठी में कहा कि प्रदेश में आज की स्थिति में हमारे समाज को विभिन्न किताबों में तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। हमारा समाज किन-किन परिस्थितियों से गुजरा है उन सभी का उल्लेख समाज की वेबसाइट जगतगुरू सतनाम पंथ डॉट कॉम में अपलोड किया गया है। आज बड़ी प्रसन्नता की बात है कि सतनाम समाज के सभी लोगों ने एक ही छत के नीचे एकजुटता दिखाई है। इस संगोष्ठी का आयोजन राजधानी के गुरू तेगबहादुर हाल में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में गुरू रूद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के लोगों की बहुलता है। समाज में एकता हो तो हमसे बड़ा समाज कोई नहीं होगा। सतनाम धर्म की बात पर उन्होंने कहा कि सभी संगठन एक मंच पर सतनाम धर्म की स्थापना का प्रयास करेंगे तो निश्चित ही धर्म को मान्यता मिलेगी। समाज और गुरू बाबाजी के बैलगाड़ी के दो पहिया है। यदि एक भी डगमगाए तो समाज का विकास, समाज का भला और समाज सुचारू रूप से संचालित नहीं होगा। चाहे धर्म की बात हो चाहे समाज के विकास की बात हो एकता के साथ एक मंच पर सभी को खड़े होने की जरूरत है।
इस दो दिवसीय विचार संगोष्ठी में सतनाम धर्म के कानूनी मान्यता हेतु रूपरेखा, ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों में सामुदायिक सुविधाओं का विस्तार व विकास, गुरू बाबा घासीदास जी व गुरू वंशजों के जीवनी, कृत्तव व सत संदेशों पर व्याख्यान, समाज के नीति-नियम, रीति-रिवाज, सतनाम धर्म, संस्कृति व संस्कार की एकरूपता, सुरक्षा व चेतन हेतु सुझाव, समाज की वर्तमान दशा-दिशा पर विवेचना, सतनामी समाज के लिए आज भी निजी व सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित करने काननून विलोपित शब्दों का प्रयोग पूर्णतः बंद हेतु जागृति, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा दिए जा रहे आरक्षण आदि विषयों के अलावा समसामयिक अन्य विषयों-प्रकरणों पर प्रस्ताव चर्चा किया गया।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के प्रतिनिधि मंडल के साथ-साथ दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आसाम, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, तमिलनाडू, झारखण्ड और विदेशों से आए सतनामी जनों के साथ सतनामी समाज के प्रमुख पदाधिकारी, राजमहन्त, जिला महन्त, शिक्षाविदो, साहित्यकार, सभी राजनीतिक दलों के पूर्व व वर्तमान नेता, मंत्री, सांसद, विधायक, शासकीय, अर्द्धशासकीय, निजी संस्था, समिति, संगठन के पदाधिकारी, अधिकारी, कर्मचारी, नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत के पूर्व व वर्तमान जनप्रतिनिधि, विविध विषयों के जानकार एवं सामाजिक कार्यकर्तागण उक्त विषयों पर उन्होंने अपना लिखित व प्रमाणित सुझाव दिए। उक्त सभी विषयों पर गुरू रूद्र ने समाज जनों को आवश्यक दिशा-निर्देश और शुभकामनाएं दिए।