छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर 15 नवम्बर से 31 जनवरी तक होगी धान खरीदी
रायपुर: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में पिछले साल की तरह इस वर्ष भी राज्य की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में धान की खरीदी 15 नवम्बर से शुरू करने का निर्णय लिया गया। धान खरीदी 31 जनवरी 2017 तक चलेगी। इस दौरान 15 नवम्बर से 31 मई 2017 तक समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीदी होगी। राज्य सरकार की एजेंसी के रूप में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा और मक्के का उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने बताया -केन्द्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 के लिए धान का समर्थन मूल्य, कॉमन धान के लिए 1470 रूपए और ए-ग्रेड धान के लिए 1510 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। मक्के का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1365 रूपए होगा। इस खरीफ वर्ष में धान खरीदी की अधिकतम सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित होगी। श्री मोहले ने बताया – किसानों के फेल धान बीज की खरीदी समर्थन मूल्य पर 1 मार्च 2017 से 30 अप्रैल 2017 तक किया जाएगा। विगत तीन वर्षों में औसतन 4 प्रतिशत से ज्यादा कमी देने वाले उपार्जन केन्द्र में कलेक्टर द्वारा अधिकृत अधिकारी के माध्यम से खरीदी की जाएगी।
खाद्य मंत्री ने बताया- समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से धान लाकर सीमावर्ती जिलों के खरीदी केन्द्रों में विक्रय की आशंका को देखते हुए सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर राज्य की सीमा पर चेकिंग दल तैनात करेंगे। उन्होंने बताया – एक नवम्बर 2016 से 30 अप्रैल 2017 तक अन्य राज्यों से धान का आयात आयुक्त/संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति की अनुमति से ही हो सकेगा। सुपर फाईन किस्म का धान, जो 1700 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक लागत का हो, के आयात के लिए आयुक्त/संचालक खाद्य की अनुमति लेना आवश्यक नहीं होगी। आयातक को धान आयात करने की सूचना जिला खाद्य अधिकारी को देना होगा। राईस मिलर को धान अग्रिम सी.एम.आर. जमा करने पर अथवा शतप्रतिशत प्रतिभूति/कैश गारंटी के विरूद्ध प्रदाया किया जाएगा, किंतु अनुबंधित मात्रा का अंतिम 50 प्रतिशत धान केवल शतप्रतिशत प्रतिभूति/कैश गारंटी के विरूद्ध ही प्रदाय किया जाएगा। अंतर जिला मिलिंग की स्थिति में केवल शतप्रतिशत प्रतिभूति/ कैश गारंटी के विरूद्ध ही धान प्रदाय किया जाएगा।
श्री मोहले ने बताया – खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में ऊपार्जित एवं राज्य शासन द्वारा संधारित शासकीय धान की अरवा/ उसना कस्टम मिलिंग पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित कस्टम मिलिंग दर के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जो इस प्रकार होगी- मिलर के द्वारा मिल की दो माह की मिलिंग क्षमता तक के बराबर धान की कस्टम मिलिंग करने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान नहीं की जाएगी। मिलर के द्वारा मिल की दो माह की मिलिंग क्षमता से अधिक एवं छह माह की मिलिंग क्षमता तक धान की कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करने पर अरवा कस्टम मिलिंग के लिए 40 रूपए प्रति क्विंटल एवं उसना कस्टम मिलिंग के लिए 10 रूपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मिलर द्वारा मिल की छह माह की मिलिंग क्षमता से अधिक धान की कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करने पर अरवा कस्टम मिलिंग के लिए 45 रूपए और उसना कस्टम मिलिंग के 15 रूपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। श्री मोहले ने यह भी बताया कि प्रदेश की 42 मंड़ी प्रांगणों और 73 उप मंडी प्रांगणों का उपयोग धान खरीदी के लिए किया जाएगा।