मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस बाल मित्र कक्ष का लिया उद्घाटन
बच्चों की रूचि अनुरूप सजाई गई कक्षा की दीवारें
प्रिय कॉमिक चरित्र चाचा चौधरी, साबू, पिंकी, नागराज सहित कई कॉमिक्स भी रहेंगे उपलब्ध
रायपुर। अक्सर अभिभावक बच्चों की शरारत रोकने उन्हें पुलिस का नाम लेकर डराते हैं, इससे बाल मन में पुलिस के लिए एक नकारात्मक छवि उकेरती है। विशेषज्ञों की माने तो नौनिहाल एक बाल वृक्ष की तरह है, जैसे सींचेंगे वैसे ही आकार लेगा। बस इसी भावना को लेकर दुर्ग पुलिस ने ‘बाल मित्र कक्षा’ के रूप में एक अभिनव प्रयोग किया है और जिसका शुभारंभ सावन के अंतिम सोमवार यानी आज प्रदेश का संवेदनशील मुखिया भूपेश बघेल ने किया। सीएम ने इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि इन नन्हें पौध के मनोविज्ञान को पुलिस की छवि इन सकारात्मक कामों से निखरेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आगे कहा कि ‘बाल मित्र कक्षÓ पुलिस की एक बेहतरीन पहल है, जिसमें न सिर्फ बच्चों का मनस्थिति को समझने का मौका मिलेगा, बल्कि पेरेंट्स की तरह उनका ख्याल रखेंगे। एक पूरी पीढ़ी का मनोविज्ञान इससे प्रभावित होगा। बच्चों को यह मैसेज मिलेगा कि पुलिस ही लोगों की सुरक्षा के लिए होती है।
पढ़ने की प्रवृत्ति को करेगा विकसित
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कंप्यूटर व वाट्सएप युग में बच्चों में पढऩे की भूख मिट गई है, नि:संदेह ये पहल उनमें पढऩे की प्रवृत्ति को विकसित करेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि यहां बच्चों के लिए उनके ही रूचि अनुरूप कई कार्टून कताबें जैसे चाचा चौधरी, साबू, पिंकी, नागराज है, जो उनमें पढऩे की ललक जागृत करेगा। कार्टून के इस किरदारों को न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी पढऩा पसंद करते हैं। श्री बघेल ने कहा कि मैं स्वयं भी इस किरदारों को पढ़ा है। इससे पढऩे की आदत तैयार होती है। बच्चों की कल्पनाशीलता बढ़ती है। एक बार बच्चे किताबें पढ़ते हैं तो उनके लिए नई दुनिया खुल जाती है।
नई युक्तियों से काम होता है बेहतर
मुख्यमंत्री ने दुर्ग पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमेशा अपना काम बेहतर करने के लिए नई युक्तियों की खोज, आपके कार्य को सार्थकता प्रदान करती है। सोच और नजरिया बदलने से रास्ते भी खुलते हैं। यह बहुत अच्छी सोच है कि थाने में भी बाल मित्र कार्नर बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केवल बच्चे ही यह महसूस नहीं करेंगे अपितु थाने आने वाला हर नागरिक पुलिस के संवेदनशील चेहरे को महसूस कर सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसिंग की सफलता के लिए नागरिकों से अधिकतम संवाद जरूरी है। जहां कहीं भी यह संवाद बेहतर होता है वहां इसके परिणाम अच्छे आते हैं।
मुक्त माहौल में बच्चे खुलकर रखेंगे अपनी बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि थाने के भय मुक्त माहौल में बच्चे खुलकर अपनी बात भी रख सकेंगे। इन थानों में महिला आरक्षक भी होंगी जो बच्चों का ध्यान रखेंगी। बाल मित्र कक्ष में खाना खजाना का कोना भी रखा गया है। यहां मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का आनंद भी लिया। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह दुर्ग पुलिस की अच्छी पहल है। पुलिस की सकारात्मक छवि बनेगी। अपनी शिकायत थाने लेकर आने वाले लोग भी पुलिस की संवेदनशीलता को महसूस करेंगे। यह पुलिस की छवि को निखारने की दिशा में सार्थक कदम है। इस तरह के नवाचारों से पुलिसिंग मजबूत होगी। विधायक एवं भिलाई महापौर देवेंद्र यादव ने भी इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुलिस की छवि निखारने की दिशा में यह कदम कारगर साबित होगा। कार्यक्रम में आईजी हिमांशु गुप्ता ने बाल मित्र कक्ष के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्टर अंकित आनंद एवं एसपी प्रखर पांडेय भी उपस्थित रहे।
8 थानों में बने बाल मित्र कक्ष
जिले के 8 थानों में बाल मित्र कक्ष बनाये गए हैं। इन थानों में भिलाई, पुरानी भिलाई, पाटन, जामुल, दुर्ग, मोहन नगर, पुलगांव व उतई शामिल हैं। इन सभी बाल मित्र कक्ष को खूबसूरती से सजाया गया। विभिन्न ज्ञानवद्र्धक तस्वीरों, खिलौने, सांप-सीढ़ी, लूडो जैसे इनडोर गेम्स से सजाया गया है। बच्चों के मनोरंजन के लिए किताबें रखी गई हैं। विजिटर बुक में भी दिया गया है, जिसमें सबसे पहला संदेश मुख्यमंत्री ने लिखा है। उन्होंने विजिटर बुक में लिखा कि, बालमित्र कक्ष का उद्देश्य बच्चों के मन में पुलिस के प्रति भय दूर करना। गृह मंत्री ने लिखा, एक नया कदम, सराहनीय प्रयास।