अयोध्या भूमि विवाद की मंगलवार से रोजाना सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट अयोध्य भूमि विवाद में आज से रोज सुनवाई करेगा. मध्यस्थता के जरिए विवाद का कोई हल निकालने का प्रयास असफल होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
दरअसल गुरुवार 1 अगस्त को मध्यस्थता समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में फाइनल रिपोर्ट पेश की थी और सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि मध्यस्थता समिति के जरिए मामले का कोई हल नहीं निकाला जा सका है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को पूर्व जज जस्टिस एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति गठित की थी। कोर्ट का कहना था कि समिति आपसी समझौते से सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश करे। इस समिति में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू शामिल थे। समिति ने बंद कमरे में संबंधित पक्षों से बात की लेकिन हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट के सामने निराशा व्यक्त करते हुए लगातार सुनवाई की गुहार लगाई। 155 दिन के विचार विमर्श के बाद मध्यस्थता समिति ने रिपोर्ट पेश की और कहा कि वह सहमति बनाने में सफल नहीं रही है।
बतादें उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या के रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान मध्यस्थता के माध्यम से खोजने में सफलता नहीं मिलने के तथ्य का संज्ञान लेते हुये कहा कि अब इस मामले में छह अगस्त से दैनिक आधार पर सुनवाई होगी।
कोर्ट के इस फैसले का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी स्वागत किया था. संघ ने अयोध्या विवाद मामले की दैनिक आधार पर सुनवाई करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्णय का शुक्रवार को स्वागत किया और उम्मीद जताई कि राम मंदिर के निर्माण में आने वाली कानूनी अड़चनें जल्द ही दूर हो जायेंगी ।