लोकसभा ने एनआईए संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दी
नई दिल्ली : लोकसभा ने एनआईए संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दी. सदन में तीखी नोकझोंक के बाद लोकसभा ने सोमवार को ‘एनआईए संशोधन विधेयक 2019’ को मंजूरी दे दी गई. इस दौरान सदन में बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली। विपक्ष की शंका का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि इस कानून का इस्तेमाल आतंकवाद को खत्म करने के लिए किया जाएगा, मगर यह भी नहीं देखा जाएगा कि यह किस धर्म के व्यक्ति ने किया है।
लोकसभा ने एनआईए संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दी जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भारत से बाहर किसी गंभीर अपराध के संबंध में मामले का पंजीकरण करने और जांच का निर्देश देने का प्रावधान किया गया है। निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि आज जब देश और दुनिया को आतंकवाद के खतरे से निपटना है, ऐसे में एनआईए संशोधन विधेयक का उद्देश्य जांच एजेंसी को राष्ट्रहित में मजबूत बनाना है।
उधर, गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने कहा, ‘आतंकवाद का कोई धर्म, जाति और क्षेत्र नहीं होता। यह मानवता के खिलाफ है। इसके खिलाफ लड़ने की सरकार, संसद, सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है।’ रेड्डी ने कुछ सदस्यों द्वारा चर्चा के दौरान दक्षिणपंथी आतंक और धर्म का मुद्दा उठाए जाने के संदर्भ में कहा कि सरकार हिंदू, मुस्लिम की बात नहीं करती है। सरकार को देश की 130 करोड़ जनता ने अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी है, जिसे चौकीदार के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार किया है। देश की सुरक्षा के लिए सरकार आगे रहेगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि इस पर मत-विभाजन जरूर होना चाहिए। इसकी हम भी मांग करते हैं ताकि पता चल जाए कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन नहीं। मत विभाजन में सदन ने 6 के मुकाबले 278 मतों से विधेयक को पारित कर दिया। गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने कहा कि इस संशोधन विधेयक का मकसद एनआईए अधिनियम को मजबूत बनाना है।