बस्तर में कुपोषण दूर करने राज्य शासन अब चना के साथ गुड़ भी देगी
बस्तर संभाग के 6.98 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बनी राज्य की नई सरकार आदिवासी बहुल बस्तर अंचल में कुपोषण दूर करने के लिए गंभीर है। राज्य में कुपोषण दूर करने के लिए शुरू की गई सभी नई योजनाओं की शुरूआत बस्तर से ही हुई है। हाल ही शुरू की गई सुपोषण अभियान और हाट-बाजारों में स्वास्थ्य परीक्षण की योजना का आगाज भी बस्तर से ही हुआ है। इसी दिशा में एक और पहल करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार की शाम को आयोजित केबिनट की बैठक में बस्तर में चना के साथ-साथ प्रतिमाह दो किलो गुड़ निःशुल्क देने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से बस्तर संभाग के 6 लाख 98 हजार 188 राशन कार्डधारी परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
बस्तर संभाग में अंत्योदय गुलाबी, स्पेशल गुलाबी और प्राथमिकता वाले नीला राशनकार्डधारी 6 लाख 98 हजार परिवार हैं। इन सभी परिवारों को उचित मूल्य की राशन दुकानों के माध्यम से प्रतिमाह चना के साथ-साथ अब दो किलो गुड़ भी दिया जाएगा। कुपोषण दूर करने के लिए चना और गुड़ को उत्तम माना जाता है। राज्य सरकार द्वारा चना के साथ गुड़ देने के निर्णय से इस अंचल में कुपोषण को दूर करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय 19 जून 2019 से बस्तर और दंतेवाड़ा जिले में सुपोषण अभियान पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है, जिसके तहत गर्भवती माताओं, बच्चों, किशोरियों को पौष्टिक आहार के रूप में चावल, रोटी, दाल, सब्जी, सलाद, लडडू दिया जा रहा है। आंगनबाड़ियों में भी बच्चों को डाईट चार्ट के अनुसार रेडी-टू-ईट के अलावा केला और सप्ताह में एक दिन अंडा दिया जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा अब सप्ताह में दो दिन अंडा देने की योजना बनाई जा रही है।
बस्तर संभाग के जिलों में मैदानी क्षेत्रों के जिलों की तुलना में कुपोषण की दर ज्यादा है। महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले मंे कुपोषण की दर 34 प्रतिशत है, जबकि दंतेवाड़ा में 36 प्रतिशत, बीजापुर में 39 प्रतिशत, नारायणपुर में 31.96, कांकेर में 27.1 प्रतिशत, सुकमा में 45 प्रतिशत और कोण्डागांव जिले में कुपोषण की दर 39.36 प्रतिशत है। राज्य सरकार के चना के साथ गुड़ देने की योजना से बस्तर जिले के एक लाख 80 हजार 496, बीजापुर जिले के 61 हजार 398 और दंतेवाड़ा जिले के 70 हजार 887 परिवारों को लाभ मिलेगा। इसी तरह कांकेर जिले के एक लाख 54 हजार 491, कोण्डागांव जिले के एक लाख 25 हजार 401, नारायणपुर जिले के 30 हजार 606 तथा सुकमा जिले के 74 हजार 909 परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।