गौठान छत्तीसगढ़ की प्राचीन ग्रामीण परम्परा का हिस्सा: भूपेश बघेल
रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौठान छत्तीसगढ़ की प्राचीन ग्रामीण परम्परा का अभिन्न हिस्सा हैं। ’नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी’ योजना के माध्यम से गांवों में गौठानों को व्यवस्थित किया जा रहा है। ये गोठान गायों के नस्ल सुधार के साथ ही किसानों और समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
मुख्यमंत्री आज धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम हंचलपुर में सुराजी गांव योजना के तहत बनाये गए आदर्श गौठान का लोकार्पण कर रहे थे। ग्राम हंचलपुर में 940 मवेशियों के लिए लगभग 9 एकड़ के रकबे में आदर्श गौठान बनाया गया है। नरवा संरक्षण के तहत गौठान के नजदीक देमार नाला में करीब 50 लाख की लागत से स्टॉप डेम बनाया गया है, जिससे पशुओं को पीने का पानी मिलेगा और इस पानी का उपयोग निस्तार और सिंचाई के लिए भी किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने गौठान में बरगद का पौधा भी रोपा। उन्होंने यहां महिला समूह से चर्चा कर गौमूत्र, गोबर, नीम से निर्मित कीट नाशक और जैविक खाद की जानकारी ली तथा कहा कि इसी तरह इस कार्य में अधिक से अधिक महिलाएं जुड़कर आत्मनिर्भर बने।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हंचलपुर पहंुचने पर ग्रामीणों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। श्री बघेल ने गांव के नीम के पेड़ की छांव चौपाल में ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गायों को पालने में सबसे बड़ी समस्या उनके चारा और पानी की रहती है। गांवों में गौठानों में न केवल उनके चारा और पानी की व्यवस्था की गई है बल्कि ये एक डे केयर सेंटर के रूप में रहेंगे। पहले किसानों को मवेशियों से फसल बचाने के लिए गांव के सभी खेतों की फेसिंग करना पड़ता था परंतु अब गौठान बन जाने से उन्हें इसमें पैसा खर्च नही करना पड़ेगा और अब आसानी से वे दो फसल ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से अभी लोग सिर्फ छैना बनाते है परंतु गौठानों में निकलने वाले गोबर को यहां गोबर गैस प्लांट बनाकर पूरे गांव में पाईपलाईन के माध्यम से गोबर गैस एलपीजी की तुलना में आधे दाम में आसानी से मिल सकेगी। इसके अलावा समूह की महिलाएं इससे जैविक खाद, धूप, उपटन सहित गौमूत्र से विभिन्न तरह के कीट प्रबंधन दवाएं बनाकर बेहतर आमदनी प्र्राप्त कर सकेंगी। गौठानों में देशी गायों के नस्ल सुधार से किसानों को ज्यादा दूध मिलेगा और उनकी आय भी बढ़ेगी। जैविक खाद के बनने से कृषि की लागत कम होगी साथ ही रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह नरवा के संरक्षण से भू-जल स्तर में सुधार के साथ ही बोर, तालाब और कुंआ में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। बाडि़यों में हरी और जैविक सब्जियों से जहां लोगों की सेहत सुधरेगी वहीं इसे बेचकर वो आमदनी भी प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने चौपाल में ग्रामीणों से सीधे बातचीत की और उनके सवालों का सहृदयता से जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर हंचलपुर और पचपेड़ी गांव में बंदोबस्त सुधार के लिए शिविर लगाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाए तथा लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मूलक कार्य से जोडे ताकि लोग नशापान से दूर हो सके।
इस अवसर पर उन्होंने चौपाल में किसानों को सब्जी के पौधे और बीज तथा फलदार पौधों का वितरण भी किया। कलेक्टर श्री रजत बंसल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम ने जिले में नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के तहत किए जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, पूर्व विधायक श्री गुरूमुख सिंह होरा, पूर्व विधायक श्री लेखराम साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।