कल के भारत बंद से मुक्त रहेगा झारखंड
रांची : नोटबंदी के विरोध में 28 नवंबर को विपक्ष द्वारा बुलाये गये भारत बंद से झारखंड मुक्त रहेगा. उस दिन झारखंड में विपक्षी दलों द्वारा सिर्फ धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के साथ झामुमो, कांग्रेस, राजद, जदयू, सपा, सीपीएम, सीपीआइ और माले के प्रतिनिधियों ने शनिवार को संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी.
श्री मरांडी ने कहा कि जनता रोज-रोज के बंद से परेशान होती है. रघुवर सरकार द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन के विरोध में 25 नवंबर को झारखंड अभूतपूर्व बंद था. इसके तुरंत बाद 28 नवंबर को फिर से बंद होने से लोगों को असुविधा होगी. नोटबंदी की वजह से लोग पहले से ही बहुत परेशान हैं. लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए विपक्ष के सभी दलों ने मिल कर झारखंड को 28 नवंबर के बंद से मुक्त रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि कालाधन के नाम पर की गयी नोटबंदी के फैसले से विदेशों में जमा कालाधन तो भारत नहीं आ रहा है, लेकिन इसके ठीक उलट गरीबों, किसानों और मजदूरों के साथ आम लोगों को परेशानी हो रही है. आम लोगों को उनके पैसे नहीं मिल रहे हैं. विपक्ष के सभी दल नोटबंदी का विरोध करते हैं. 28 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करते हुए झारखंड में विपक्षी दल बंद की जगह प्रखंड, जिला व राजधानी में प्रदर्शन करेंगे. विपक्ष के लोग टोलियों के साथ प्रखंड और जिला के प्रमुख स्थानों पर मार्च करेंगे. आक्रोश सभा करेंगे. रांची के बिरसा चौक पर सभा कर नोटबंदी का विरोध किया जायेगा.
दो दिसंबर को सामाजिक संगठनों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट के मुद्दे पर झारखंड बंद का आह्वान किया है. बंद को समर्थन देने या नहीं देने को लेकर 28 नवंबर के बाद विचार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रयास आदिवासियों को छलने का काम है. इसका विरोध जारी रहेगा. बंद को मिले लोगों के समर्थन के बाद अब विपक्षी दल साथ मिल कर आगे विरोध की रणनीति तैयार करेंगे.मौके पर झामुमो के विनोद पांडेय, सीपीएम के भुवनेश्वर मेहता, सीपीआइ के गोपीकांत बक्शी, माले के सुशांतो मुखर्जी, सपा के मनोहर यादव, जदयू के संजय सहाय, राजद के अनिल सिंह आजाद आदि मौजूद थे.