सोना नहीं सरकार का अगला टारगेट
नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद आ रही खबरे के मुताबिक केंद्र सरकार सोना को अपना निशाना बना सकती है. लेकिन इस खबर को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है. रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय फाइनेंस फाइनेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कोई बड़ा ऐलान कर सकती है, जिन्होंने बड़े स्तर पर सोना जमा कर रखा है. हालांकि शाम होते-होते सरकार ने ऐसी चर्चाओं को सिरे से खारिज कर दिया.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार के पास फिलहाल ऐसा कोई प्रपोजल नहीं है. सरकार ने डॉमेस्टिक गोल्ड जमा पर किसी तरह की बंदिश लगाने जैसे प्रपोजल से इनकार कर दिया.
दरसल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट पर बंद के ऐलान के बाद देश भर के सोने की खरीददारी बढञ गई थी, जिससे कीमतें खासी तेज हो गई थीं. भारत में गोल्ड प्रीमियम दो साल के टॉप पर पहुंच गया था. ज्वैलर्स को आशंका थी कि सरकार हाई-डिनोमिनेशन के नोट सर्कुलेशन के बंद करने के बाद इंपोर्ट पर पाबंदी लगा सकती है. इसे देखते हुए ज्वैलर्स तेजी से गोल्ड की खरीद कर रहे थे.
9 नवंबर को गोल्ड 900 रुपए चढ़कर 31750 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया, जो उसका तीन साल का उच्चतम स्तर था. माना जा रहा है कि नोटबंदी की मार से बचने के लिए ब्लैकमनी रखने वालों ने गोल्ड की जमकर खरीद की थी, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आ गई थी. हालांकि सरकार की सख्ती के बाद गोल्ड की कीमतों में खासी गिरावट दर्ज की गई.
भारत दुनिया में गोल्ड का दूसरा बड़ा खरीदार है और अनुमान है कि सालाना डिमांड का एक तिहाई जो लगभग 1000 टन के बराबर, के लिए ब्लैकमनी के तौर पर भुगतान किया जाता है. इस पैसे के लिए कोई टैक्स नहीं चुकाया जाता है, जिसे ऑफीशियल अकाउंट्स में प्रदर्शित नहीं किया जाता. फाइनेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि कैश आधारित गोल्ड स्मगलिंग को रोकने के लिए हाई-डिनोमिनेशन नोट को वापस लेने की पहल की गई है.