शासकीय योजनाओं से लोगों के जीवन में आने वाले बदलावों पर शोध होनी चाहिए
रायपुर- प्रदेश की राज्यपाल एवं डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी बिलासपुर की कुलाधिपति श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को शासकीय योजनाओं का लोगों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव पर शोध करना चाहिए। उन्होंने टीबी से पीड़ित बच्चों की खोजकर उनकी देखभाल करने की अपील भी की। राज्यपाल श्रीमती पटेल आज बिलासपुर जिले के कोटा स्थित डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थी।
डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्रीमती पटेल ने 202 छात्र-छात्राओं को उपाधि पत्र एवं 99 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने विश्व विद्यालय के प्रबंधन को इस बात के लिए बधाई दी कि उन्होंने 5 गांवों को गोद लिया है। उन्होंने अपेक्षा की कि इन गांवों में केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिले, इसका प्रयास होना चाहिए। इस पर अध्ययन भी होना चाहिये कि योजनाओं से उनके जीवन स्तर में किस तरह बदलाव आया है। गांवों के सभी बच्चे प्रायमरी स्कूल में दाखिल हों और जो बच्चे 8वीं उत्तीर्ण हो जायें उन्हें 9वीं कक्षा में प्रवेश करायें।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में टीबी रोग एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि टीबी से बच्चों को मुक्त कराने के लिए विश्वविद्यालय, सामाजिक संस्थाएं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मिलकर काम करें। लायंस क्लबों, कॉलेजों विश्वविद्यालयों को टीबी पीड़ित बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारी दें। वे इनको पौष्टिक आहार एवं फल आदि उपलब्ध कराने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने इस बात के लिए डॉ. सीवी रमन विश्ववि़द्यालय को बधाई दी कि पूरे देश के विश्वविद्यालयों की स्वच्छता रैंकिंग में उनको तीसरा स्थान मिला हुआ है। दूसरे शैक्षणिक संस्थान भी इससे प्रेरणा लेंगे। उन्होंने कहा कि देश में सबने मन बना लिया है कि देश को, नदी के पानी को, स्कूल को और गांव को स्वच्छ रखना है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान 22 करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों को किस प्रकार प्रबंधन किया गया इस विषय पर मैनेजमेंट और सोशल वर्क में अध्ययन किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के महाप्रबंधक श्री सुनील कुमार सोइन, कुलपति श्री आर पी दुबे ने सम्बोधित किया। कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का पहला निजी विश्वविद्यालय है और सबसे अधिक छात्र संख्या है। यह अकेला निजी विश्वविद्यालय है, जहां दीनदयाल कौशल विकास योजना संचालित है। उन्होंने सीवी रामन् विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो केन्द्र और दूरस्थ शिक्षा के बारे में भी बताया।
राज्यपाल ने सीवी रमन विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति रहे श्री ए. एस. झड़गांवकर को शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल व अन्य अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन किया। राज्यपाल ने इससे पूर्व विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो केन्द्र का निरीक्षण किया। समारोह में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री अंजनी कुमार शुक्ला, अटल बिहारी बाजयेपी विश्वविद्यालय, बिलासपुर के कुलपति डॉ. गौरीशंकर शर्मा, सीवी रामन विवि के विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, विभागीय अधिकारी कर्मचारी, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।