स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने प्रदेश में स्वाइन फ्लू की स्थिति की समीक्षा की
रायपुर, छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज विधानसभा समिति कक्ष में विभागीय अधिकारियों और विशेषज्ञों की बैठक लेकर प्रदेश में स्वाइन फ्लू की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश के सभी अस्पतालों में दवाईयों के पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीजों का तत्काल उपचार करने कहा। उन्होंने संभावित मरीजों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किए बिना तत्काल सावधानी बरतते हुए उन्हें इलाज मुहैया कराने कहा।
श्री सिंहदेव ने स्वाइन फ्लू से बचाव और रोकथाम के लिए सभी जिलों में जन-जागरूकता अभियान संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने एडवाइजरी जारी कर स्वाइन फ्लू के लक्षणों, बचाव और रोकथाम के बारे में अधिक से अधिक लोगों को बताने कहा। श्री सिंहदेव ने शासन द्वारा स्वाइन फ्लू की जांच और इलाज के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी लोगों को जानकारी देने कहा। उन्होंने बीमारी के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों और आइसोलेशन की जरूरत के बारे में भी जागरूक करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि सभी जिलों के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारियों को स्वाइन फ्लू को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। बीमारी के प्रति जरूरी सावधानी और इलाज के बारे में लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू की जांच शासकीय मेडिकल कॉलेजों के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और जिला चिकित्सालयों में की जा रही है। राज्य के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ओसेल्टामीवीर की दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध है। आम नागरिक स्वाइन फ्लू के संबंध में अधिक जानकारी के लिए निःशुल्क आरोग्य सेवा 104 पर फोन कर जरूरी स्वास्थ्य परामर्श ले सकते हैं।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह, संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक निरंजन दास, पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर की डीन डॉ. आभा सिंह, डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी, महामारी एवं परियोजना निदेशक (एड्स) डॉ. आर.आर. साहनी और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर सहित अनेक विशेषज्ञ मौजूद थे।