छात्र-छात्राएँ नये भारत के निर्माण में सक्रिय योगदान दें : राज्यपाल
भोपाल : राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं से कहा है कि वे नये भारत के निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दें। इसके लिए उन्हें योग्य और जिम्मेदार नागरिक बनकर दिखाना होगा। राज्यपाल ने यह बात आज जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थी। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रोफेसर रणवीर सिंह, कुलपति एनएलआईयू, नई दिल्ली और जर्मन के भारत में स्थित कौंसिल में पदस्थ डिप्टी काउंसलर जनरल सुश्री माया याइनिग को मानद उपाधि से सम्मानित किया और मेधावी छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ वितरित कीं।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने अभिभावकों से कहा कि वे बेटे और बेटियों में भेदभाव न करें। छात्र-छात्राओं के प्रति सजग रहें और उनकी गतिविधियों पर नजर रखें ताकि वे गलत रास्ते पर न चल सकें। माता-पिता के लिये यह आवश्यक है कि वह अपने बच्चों की योग्यता पर भरोसा करें और उन्हें निरंतर आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करते रहें। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह एक परंपरा है, विश्वास है, जीत का जश्न है। यह हमारे युवा छात्र छात्राओं के लिए जीवन के एक चरण के अंत और अगले चरण की शुरूआत को चिन्हित करता है। यह प्रतिभाशाली स्नातकों, माता-पिता और शिक्षकों के लिए बहुत गर्वपूर्ण क्षण है, जिसमें सभी ने अपने अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन किया है।
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि विश्वविद्यालय ने उन्हें अकादमिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी मदद करने के लिये तैयार किया है, जिससे वे समाज और देश की सेवा और विकास कर सकें। इसका उपयोग आपको देश को फिर से विश्व गुरू का दर्जा दिलाने के लिए करना चाहिए। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि जरूरत के अनुसार पानी और भोजन ले तथा पानी और भोजन की बचत भी करें। यह देश और मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री हरिमोहन गुप्ता ने कहा कि ज्ञान के अलावा मन को शुद्ध करने वाली कोई और चीज नहीं है। जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। श्री हरिमोहन गुप्ता ने कहा कि शिक्षा के बीना जीवन अधूरा है। शिक्षा सबसे बड़ा धन है, सब धन खत्म हो जाते हैं सिर्फ शिक्षा ही साथ रहती है।
राज्यपाल ने मेधावी छात्र-छात्राओं को दीक्षा की शपथ दिलाई। जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अनूप स्वरूप ने स्वागत भाषण दिया। समारोह में विश्वविद्यालय के सह कुलाधिपति श्री अभिषेक मोहन गुप्ता, शिक्षक,छात्र-छात्राएँ और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।