अध्यादेश को लेकर योगी ने कहा दिवाली पर खुशखबरी दूंगा
लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में सुनवाई जनवरी, 2019 तक टलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बड़ा बयान दिया है. योगी ने कहा है, ‘यह हमारे लिए दुख की घड़ी है, जनभावना का सम्मान होना चाहिए था, लेकिन अध्यादेश मामले पर हमें धैर्य रखने की जरुरत है. दिवाली पर मैं खुशखबरी लेकर जा रहा हूं. जल्द ही कुछ अच्छा होने वाला है.’
बता दें कि पिछली बार योगी ने अयोध्या में दिवाली मनाई थी ऐसे में माना जा रहा है कि वह इस दिवाली में अयोध्या में ही कोई घोषणा करेंगे.
सुनवाई टलने के बाद भाजपा सरकार से उम्मीद लगाए बैठे संतों का धैर्य जवाब दे रहा है. संत समाज लागातार इस मामले में अध्यादेश लाने की बात कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई टालने पर योगी ने कहा कि यह दुख की बात है, पर हम सुख और दुख में एकसमान रहने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही कुछ होगा. साधु संत तो हमेशा धैर्य रखने वाला होता है, सैकड़ों वर्षों से धैर्य रखा है थोड़ा और रखें, जल्द ही कुछ अच्छा होगा.
दिवाली पर वो कई खुशखबरी लेकर जाने वाले हैं, लेकिन वह खुशखबरी क्या होगी इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया. उन्होंने यह जरूर कहा कि जनभावना का सम्मान होना चाहिए था.
सुनवाई से पहले भी योगी ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मंदिर पर फैसला दे सकता है, तो उसे राम मंदिर पर भी फैसला देना चाहिए. राम मंदिर हिंदुओं की आस्था का मामला है.
मंगलवार को उन्होंने कहा था कि समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है. न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के समान हो जाती है. इंसाफ में देरी से लोगों को निराशा होती है.
लेकिन कोई ना कोई रास्ता जरूर निकलेगा. कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया में योगी ने कहा, ‘देश की न्यायपालिका के प्रति सबका सम्मान है और हम भी उन संवैधानिक बाध्यताओं से बंधे हैं. स्वाभाविक रूप से अगर न्याय में देरी होती है तो लोगों को निराशा होती है.’
उन्होंने कहा, ‘अच्छा होता कि कोर्ट इस मामले की जल्दी सुनवाई करके देश में भाईचारे और शांति के लिए इस मामले में जल्दी फैसला कर देता लेकिन मुझे लगता है कि अभी फिलहाल इस तरह की संभावनाएं नहीं दिखती हैं.’ सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक पर सुनवाई जनवरी के पहले हफ्ते में होगी.