भीमा कोरेगांव में कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर पुलिस के मीडिया ब्रीफिंग पर अदालत ने उठाए सवाल

भीमा कोरेगांव में कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर पुलिस के मीडिया ब्रीफिंग पर अदालत ने उठाए सवाल
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

मुंबई :  बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र पुलिस द्वारा माओवादियों से कथित तौर पर संबंध रखने वाले कुछ प्रमुख नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले पर संवाददाता सम्मेलन करने को लेकर सोमवार को सवाल उठाए। राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) परमवीर सिंह ने पुणे पुलिस के साथ मिलकर शुक्रवार को इस मामले पर मीडिया से बातचीत की थी।

पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओ के कुछ कथित पत्रों को भी पढ़ कर सुनाया गया था, जिस पर न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और मृदुला भाटकर की पीठ ने पूछा कि ‘पुलिस ऐसा कैसे कर सकती है? मामला विचाराधीन है। उच्चतम न्यायालय मामले पर विचार कर रहा है। ऐसे में मामले से संबंधित सूचनाओं का खुलासा करना गलत है।’ लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने कहा कि वह संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात करेंगे और उनसे जवाब मांगेंगे।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और मृदुला भाटकर की पीठ ने पूछा कि पुलिस ऐसे दस्तावेजों को इस तरह पढ़कर कैसे सुना सकती है जिनका इस्तेमाल मामले में साक्ष्य के तौर पर किया जा सकता है।

पीठ कोरेगांव भीमा हिंसा का शिकार होने का दावा करने वाले शख्स सतीश गायकवाड़ द्वारा शुक्रवार को दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से करवाने की मांग की है। गायकवाड़ ने उच्च न्यायालय से पुणे पुलिस से मामले की आगे की जांच नहीं करवाने और जांच पर रोक लगाने की अपील की है। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई सात सितंबर को तय की है।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.