छत्तीसगढ़ का पेयजल प्रबंधन अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय: श्री विनोद नारायण झा

छत्तीसगढ़ का पेयजल प्रबंधन अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय: श्री विनोद नारायण झा
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रायपुर : बिहार के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी अभिकरण मंत्री श्री विनोद नारायण झा ने छत्तीसगढ़ सरकार के सार्वजनिक पेयजल प्रबंधन की तारीफ की है। उन्होंने इसे सभी राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया है। श्री झा छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आए थे। उन्होंने आज यहां प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा से उनके निवास पर सौजन्य मुलाकात की। श्री पैकरा ने उनका आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान एक अनौपचारिक बैठक में दोनों मंत्रियों ने एक-दूसरे के राज्यों की पेयजल योजनाओं के बारे में जानकारियों का आदान-प्रदान किया। श्री पैकरा के साथ उनके विभाग के विशेष सचिव श्री पी. अन्बलगन और प्रमुख अभियंता श्री टी.जी. कोसरिया तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
श्री पैकरा ने बिहार के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में विगत लगभग 15 वर्षों में सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयासों को उत्साहजनक सफलता मिली है। श्री पैकरा ने उन्हें बताया कि छत्तीसगढ़ को पेयजल के उन्नत स्त्रोत विकसित करने की दृष्टि से केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सातवीं रैंकिंग दी गई है, जो राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। श्री झा ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में बेहतर पेयजल प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों की तारीफ करते हुए इस प्रकार के पेयजल कार्यक्रमों को बिहार में लागू करने की मंशा प्रकट की। श्री पैकरा ने उन्हें यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों के 19 हजार 655 गांवों में अब तक दो लाख 70 हजार 287 हैंडपम्प स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मिल रहा है। राज्य के ग्रामों में तीन हजार 363 नलजल योजनाओं के साथ-साथ कई स्थानों पर स्थल जलप्रदाय योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है। विगत आठ वर्ष में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित पांच हजार 549 पम्प लगाकर ग्रामीणों को स्टैंड पोस्ट और नलों के जरिए भी पानी दिया जा रहा है। उन्होंने श्री झा को बताया कि छत्तीसगढ़ के शहरों में जनसंख्या के आधार पर पेयजल के 97 प्रतिशत उन्नत स्त्रोत उपलब्ध हैं और शहरी आबादी के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को पाइपलाईन के जरिए पानी दिया जा रहा है।
श्री पैकरा ने श्री झा को बताया कि छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में पेयजल योजनाओं में खारे पानी, आयरन, फ्लोराइड, आर्सेनिक होने की समस्याएं भी आयी हैं, जिनका तत्परता से निराकरण किया जा रहा है। खारे पानी की समस्या को दूर करने के लिए  राज्य सरकार ने ऐसे क्षेत्रों में समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन भी शुरू किया है। इनमें बस्तर जिले की कोसारटेडा समूह जल प्रदाय योजना उस क्षेत्र के आयरन प्रभावित गांवों के लिए शुरू की गई है। राजनांदगांव जिले की चौकी समूह जल प्रदाय योजना आर्सेनिक प्रभावित गांवों के लिए और बेमेतरा जिले की साजा, नवागढ़ तथा बेमेतरा की समूह जल प्रदाय योजनाएं खारे पानी से प्रभावित गांवों के लिए हैं। श्री पैकरा ने बिहार के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विकास यात्रा के दौरान इन समूह जल प्रदाय योजनाओं का लोकार्पण भी कर दिया है। इन योजनाओं के जरिए ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला लौह अयस्क परियोजना क्षेत्र के गांवों में भी पानी में आयरन की समस्या को देखते हुए वहां भी दो सामूहिक नल-जल योजनाएं मंजूर की गई हैं। पेयजल गुणवत्ता से प्रभावित गांवों में आर.ओ. प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। कुछ प्रभावित गांवों के हैंडपम्पों में फ्लोराइड और आर्सेनिक रिमूवल उपकरण भी लगाए गए हैं। श्री पैकरा ने कहा-छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक पेयजल योजनाओं के लिए राज्य मद के साथ-साथ राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, अमृत मिशन, नाबार्ड और डी.एम.एफ. जैसे विभिन्न मदों से राशि प्राप्त हो रही है और धन की कोई कमी नही है। श्री पैकरा ने उन्हें यह भी बताया कि राज्य के गांवों में वर्तमान में चार लाख से ज्यादा घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं।
श्री विनोद नारायण झा ने छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री को बिहार में पेयजल प्रबंधन के लिए हो रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिहार के गांवों में इस सिंगल स्पॉर्ट सोर्स योजनाओं के जरिए स्क्रू पाइपों पर आधारित छोटी-छोटी जल टंकियों से भी पानी की आपूर्ति की जा रही है। बिहार में गंगा नदी के किनारे कुछ इलाकों के हैंडपम्पों में पानी में आर्सेनिक की समस्या पाई गई है। इसके निराकरण के लिए श्री झा ने छत्तीसगढ़ सरकार की टेक्नॉलॉजी को काफी उपयोगी बताया और अपने राज्य में अपनाने की मंशा जतायी। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री पैकरा को बिहार आने और वहां के पेयजल प्रबंधन के अध्ययन का न्यौता दिया। मंत्री द्वय की मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता डॉ. एम.एल. अग्रवाल तथा श्री टी.डी. शांडिल्य और श्री एफ.एल. मण्डलोई, अधीक्षण अभियंता श्री आर.के. चौबे, कार्यपालन अभियंता श्री एस.बी. बापट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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