खदान प्रभावित बच्चों की इंजीनियरिंग, मेडिकल और नर्सिंग पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार देगी
रायपुर: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में खदानों से प्रभावित परिवारों के बच्चों की इंजीनियरिंग, मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों की पढ़ाई का पूरा खर्च प्रदेश की ओर से देने की घोषणा की है। यह राशि जिला खनिज विकास निधि से दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि ऐसे बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री ने आज कोरबा जिले के ग्राम लखनपुर (विकासखण्ड-पोड़ीउपरोड़ा) में पंच-सरपंच महासम्मेलन को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
डॉ. सिंह ने इस अवसर पर जिला खनिज विकास निधि (डी.एम.एफ.) से कोरबा जिले के ग्राम स्याहीमुड़ी (विकासखण्ड-कटघोरा) में 20 एकड़ के रकबे में बनने वाले विशाल एजुकेशन हब (शैक्षणिक परिसर) का भूमिपूजन और शिलान्यास भी किया। इस परिसर का निर्माण 50 करोड़ रूपए की लागत से किया जाएगा। जहां विशेष पिछड़ी कोरवा जनजाति के बच्चों सहित अन्य आदिवासी समुदायों, अनुसूचित जाति और गरीब परिवारों के लगभग 2400 बच्चों के लिए कक्षा पहली से बारहवीं तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था रहेगी। इसका निर्माण दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जिलों को एजुकेशन हब की तर्ज पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरबा जिले का यह एजुकेशन हब निश्चित रूप से इस क्षेत्र में शिक्षा के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जिले के तीन बालिका छात्रावासों को गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक वातावरण के लिए प्राप्त आई.एस.ओ. 9001ः2008 प्रमाण पत्र प्रदान कर अधीक्षिकाओं और अधिकारियों को बधाई दी। इनमें इनमें पोस्ट मेट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास कोरबा, प्री-मेट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास ग्राम कोरबी (धतुरा) और एकलव्य आवासीय कन्या छात्रावास ग्राम छुरीकला (विकासखण्ड कटघोरा) शामिल हैं। राज्य में यह पहली बार है जब छात्रावासों को भी बेहतर प्रबंधन के लिए आई.एस.ओ. प्रमाण पत्र मिला है। मुख्यमंत्री पंच-सरपंच महासम्मेलन मेंयह भी ऐलान किया कि राज्य में कई पीढ़ियों से एक ही स्थान पर निवास कर रहे परिवारों को स्थायी पट्टा देने के लिए प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री ने ग्राम सुतर्रा तक सिटी बस चलाने की भी घोषणा की। डॉ. सिंह ने महासम्मेलन के दौरान विकास मेले के साथ युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के लिए मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से आयोजित कैरियर मड़ई का भी शुभारंभ किया।
डॉ. सिंह ने कार्यक्रम में जिले की जनता को लगभग 236 करोड़ रूपए के विकास कार्यो और विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की सौगात दी। उन्होंने नए स्वीकृत 206 करोड़ रूपए के 393 निर्माण कार्यो का भूमिपूजन और शिलान्यास तथा पूर्ण हो चुके 30 करोड़ रूपए के 73 निर्माण कार्यो का लोकार्पण किया। उन्होंने इसके अलावा विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत लगभग तीन करोड़ की सामग्री और चेक भी वितरित किए। डॉ. सिंह ने कहा कि कोरबा जिले के विकास को भी राज्य सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इस जिले ने प्रदेश की ऊर्जाधानी के रूप में भी अपनी विशेष पहचान बनाई है। जिले में सड़क और रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों को आज मनाए गए देवउठनी एकादशी की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा – यह बहुत ही सौभाग्य की बात है कि आज से फिर शुभकार्यो की शुरूआत हो रही है। इसी कड़ी में कोरबा जिले की जनता को 239 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सौगात मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 02 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौचमुक्त बनाने का संकल्प लिया है। उनके इस संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में तेजी से काम हो रहे हैं। हमार लक्ष्य है कि राज्य को एक साल पहले ही यानी 02 अक्टूबर 2018 तक खुले में शौच मुक्त प्रदेश घोषित कर दिया जाए। इसक लिए सबके सहयोग से काम तेजी से हो रहा है। डॉ. सिंह ने कहा अगले दो साल में राज्य के सभी अविद्युतीकृत गांवों में बिजली पहुंच जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, किसानों के लिए सौर सुजला योजना सहित राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। पंच-सरपंच महाम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा सांसद डॉ. बंशीलाल महतो ने की। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री लखनलाल देवांगन, विधायकगण सर्वश्री रामदयाल उइके, जयसिंह अग्रवाल, श्यामलाल कंवर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री देवी सिंह टेकाम, अध्यक्ष जनपद पंचायत कोरबा श्रीमती रेणुका राठिया, अध्यक्ष जनपद पंचायत करतला श्रीमती धनेश्वरी कंवर, अध्यक्ष जनपद पंचायत पोड़ीउपरोड़ा श्रीमती किरण मरकाम, अध्यक्ष जनपद पंचायत कटघोरा श्रीमती लता कंवर और अध्यक्ष जनपद पंचायत पाली श्रीमती जामबाई श्याम तथा बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए।