सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करंजिया में मानवता शर्मसार

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डिंडौरी/करंजिया. जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करंजिया में मानवता शर्मसार हो जाने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में महिला तड़पती रही और परिजन जिला अस्पताल लाने के लिए वाहन का इंतजाम करने में जुटे रहे. महिला की मौत अस्पताल परिसर में ही हो गई, लेकिन उसे जिला अस्पताल तक नहीं पहुंचाया जा सका.

मनमानी की हद तब और हो गई जब अस्पताल परिसर में महिला की मौत होने के बाद भी शव घर तक ले जाने के लिए वाहन नहीं मिल सका. मजबूरन परिजन देर शाम सीढ़ी में ही शव रखकर दो किमी दूर अपने घर शव को ले गए. जनपद मुख्यालय करंजिया के इंदिरा कॉलोनी निवासी कार्तिक धुर्वे की 36 वर्षीय पत्नी मीरा बाई को लीवर में इंफेक्शन, खून की कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करंजिया में बुधवार दोपहर लगभग 3 बजे भर्ती कराया गया था. अस्पताल परिसर में ही वाहन का इंतजार करने के दौरान शाम लगभग 5 बजे महिला की मौत हो गई.

गंभीर अवस्था में किया गया रेफर

स्वास्थ्य केन्द्र करंजिया में महिला का प्राथमिक इलाज किया गया, लेकिन हालत न सुधरने पर महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल से कोई वाहन उपलब्ध नहीं हो सका. महिला को गंभीर अवस्था में वार्ड से बाहर ले आया गया और परिजन वाहन के इंतजाम में लग गए.

लंबे समय तक वाहन न मिलने से महिला को जिला अस्पताल भी नहीं लाया जा सका और महिला की मौत हो गई. महिला के पति कार्तिक धुर्वे ने आरोप लगाया कि समय रहते अगर वाहन मिल जाता तो अपनी पत्नी को वह जिला अस्पताल तक ले जाते.

इनका कहना है

करंजिया के बीएमओ डॉ जीएस उद्दे  के अनुसार कल मैं मीटिंग में डिंडौरी गया था. डॉक्टर बघेल मौजूद थे. संबंधित महिला को माहवारी संबंधित बीमारी थी. खून की बहुत कमी थी. डिंडौरी जिला अस्पताल रेफर किया गया था. जहां तक मुझे जानकारी है, 108 वाहन के पहुंचने में कुछ विलंब हुआ है. वाहन महिला को इसी के चलते जिला अस्पताल तक लाने के लिए नहीं मिल पाया. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में शव वाहन नहीं है, इसलिए शव ले जाने के लिए शव वाहन नहीं दिया गया.

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