SC/ST एक्ट: विधायकों ने अदालती आदेश को लेकर जताया विरोध
नई दिल्ली। एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गर्म राजनीतिक माहौल में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच इसे दुरुस्त करने और श्रेय लेने की होड़ छिड़ गई है।
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटा कर हस्तक्षेप की मांग की तो सत्ता पक्ष के दलित सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर फैसले में सुधार की मांग की।
वैसे माना जा रहा है कि विधि मंत्रालय पहले ही पुनर्विचार याचिका के पहलू पर विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट किया था कि एससी एसटी एक्ट में भी तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। यह आदेश उन आंकड़ों के आधार पर दिया गया था, जिसमें पाया गया था कि बड़ी संख्या में इस एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है।
विपक्ष ने तत्काल इसे राजनीतिक रंग देते हुए जिम्मा सरकार पर फोड़ा था। वहीं सतर्क भाजपा व सत्तापक्ष में भी कवायद शुरू हो गई थी।
बुधवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उन्हें बताया कि पिछले दस वर्षों में दलितों और पिछड़ों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है। ऐसे में अगर कानूनी प्रक्रिया ढीली हुई तो अत्याचार और बढ़ेगा।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, भाजपा सांसद व एससी मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सोनकर समेत राजग के कई नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इसके समाधान के लिए पुनर्विचार याचिका लाने की अपील की।