जानिए छठ पर्व के दौरान कब, क्या होगा
हमारे देश में सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध पर्व है छठ. मूलत: सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है. सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है. इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं. नहाय खाय से आरंभ होकर चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ होता है. यह पर्व चार दिनों का है. भैया दूज के तीसरे दिन से यह आरंभ होता है. इस साल छठ पर्व 4 नवंबर से 7 नवंबर, 2016 तक मनाया जाएगा.
4 नवंबर (नहाय-खाय): लोकपर्व छठ की शुरुआत 4 नवंबर (शुक्रवार) को होगी. इस दिन छठ व्रती सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत का संकल्प लेंगे. व्रती विशेषकर कद्दू की सब्जी का सेवन करते हैं. इस दिन को कद्दू-भात का दिन भी कहते हैं.
5 नवंबर (खरना): सांध्यकालीन अर्घ्य के एक दिन पूर्व खरना का विशिष्ट महत्व का है. पूरे दिन उपवास रहकर व्रती शाम को खीर-रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं. इस प्रसाद को मित्रों परिचितों को खिलाने की होड़ रहती है. इस बार इसका मुहूर्त शाम 5.58 बजे से 6.26 बजे के बीच है.
बिहार के मुंगेर में सीता ने किया था छठ व्रत
6 नवंबर (सांध्यकालीन अर्घ्य): अस्ताचलगामी भगवान सूर्य की यह पूजा नदी, तालाब, पोखर के किनारे की जाती है. अब तो लोग घरों में भी पानी जमाकर सूर्य की पूजा करते हैं. इसमें सूर्यास्त के पहले डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. पटना में इस दिन सूर्यास्त संध्या 05.05 बजे होगा, इसलिए उस समय तक अर्घ्य दान का मुहूर्त है.
7 नवंबर (उदीयमान सूर्य को अर्घ्य): सांध्यकालीन अर्घ्य केे बाद रातभर प्रतीक्षा की जाती है. इस साल सोमवार की सुबह 06.01 बजे सूर्योदय होना है, इसलिए इस समय उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही चार दिनों के छठ व्रत का समापन हो जाएगा.