लोकसभा, विधानसभाओं के चुनाव साथ कराने की पहल
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की जबरदस्त पैरोकारी की है। राष्ट्रपति ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव से विकास बाधित होता है और खर्च का बोझ बढ़ता है।
राष्ट्रपति के संबोधन के साथ ही संसद के बजट सत्र का आगाज हो गया है। लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ कराने के प्रस्ताव को राष्ट्रपति के अभिभाषण का हिस्सा बनाया जाना राजनीतिक लिहाज से अहम है।
राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार का नीतिगत दस्तावेज माना जाता है। इस लिहाज से मोदी सरकार ने एक साथ चुनाव के लिए व्यापक सहमति बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है।राष्ट्रपति ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से मानव संसाधन पर बोझ बढ़ता है। आचार संहिता लागू होने से विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है। ऐसे में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर संवाद बढ़ना चाहिए। राष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों के बीच इस पर सहमति बनाने पर भी जोर दिया।
सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
राष्ट्रपति के रूप में पहली बार बजट सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने गरीबों को रसोई गैस कनेक्शन देने, रोजगार, आवास, बिजली और सड़क निर्माण क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है। करीब 3.5 लाख संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद किया गया है।
आधार से लोगों को सीधा फायदा
आधार को गरीब लाभार्थियों तक सुविधाएं पहुंचाने की दिशा में कामयाब बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बिना बिचौलिये के लोगों को इसका सीधा फायदा मिल रहा है। सरकार की 400 से अधिक योजनाओं में डिजिटल भुगतान हो रहा है। आधार की वजह से 57 हजार करोड़ रुपये की राशि गलत हाथों में जाने से बचाई गई है।
तुष्टीकरण नहीं, सशक्तीकरण
कोविंद ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण नहीं बल्कि सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। अल्पसंख्यक युवाओं को “सीखो और कमाओ”, “उस्ताद”, “गरीब नवाज कौशल विकास योजना” तथा “नई रोशनी” जैसे कार्यक्रमों के जरिये रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
कश्मीर में वार्ता को तैयार
देश की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में सुधार का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर में वार्ता का दरवाजा खुले होने के सरकार के इरादे को साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनलोगों से बातचीत का रास्ता खुला रखा है, जो भारतीय संविधान में आस्था रखते हुए मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं।
नक्सलियों को संदेश
पूर्वोत्तर तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हिंसा में कमी आई है और स्थिति सुधर रही है। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने वाले लोगों के साथ संविधान के दायरे में बातचीत का दरवाजा खुला रखा है।”
सरकार की थपथपाई पीठ
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुंए से मुक्त कराने के लिए 3 करोड़, 30 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए गए हैं।
इसने गरीब महिलाओं को संपन्न महिलाओं से बराबरी का अवसर दिया है। राष्ट्रपति ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कृषि क्षेत्र को सरकार की प्राथमिकता सूची में होने का संदेश दिया।
ई-गवर्नेंस और डिजिटल डिलेवरी के लक्ष्य को कामन सर्विस सेंटर के जरिये गांवों तक पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
सौभाग्य योजना के तहत चार करोड़ गरीबों को बिजली कनेक्शन देने का उल्लेख करते हुए बिजली उत्पादन में हुई वृद्धि को अहम करार दिया।