रायपुर : हजारों वनवासियों के उत्साह ने साबित कर दिया तेन्दूपत्ता बोनस का महत्व: डॉ. रमन सिंह

रायपुर : हजारों वनवासियों के उत्साह ने साबित कर दिया तेन्दूपत्ता बोनस का महत्व: डॉ. रमन सिंह
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रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने आज दोपहर राज्य के अंतिम छोर के जिले सुकमा के  छिंदगढ़ में आयोजित तेंदूपत्ता बोनस तिहार में बस्तर संभाग के दो जिलों (वन मंडलों)- सुकमा और बस्तर (जगदलपुर) केे 86 हजार 913 तेंदूपत्ता संग्राहकों को दस करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) ऑन लाइन वितरित किया। इनमें सुकमा जिले के 55 हजार 448 हितग्राही शामिल हैं, जिन्हें 9 करोड़ 9 लाख 33 हजार रुपए का बोनस मिला। उनके अलावा बस्तर जिले के 31 हजार 865 तेंदूपत्ता संग्राहकों के 92 लाख 49 हजार रूपए का बोनस दिया गया। उन्होंने प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के सम्मेलन के साथ आयोजित बोनस तिहार में हजारों की संख्या में आए वनवासियों को सम्बोधित किया।
डॉ. सिंह ने कहा – हमारे मेहनतकश वनवासी भाई-बहनों के जीवन में तेन्दूपत्ते का बड़ा महत्व है। यह हर साल गर्मियों में उनके लिए अतिरिक्त आमदनी का भी एक प्रमुख जरिया है। बोनस को लेकर उनमें भारी उत्साह देखा जा रहा है। आज के समारोह में हजारों की संख्या में उनकी मौजूदगी से तेन्दूपत्ता बोनस तिहार का महत्व स्वयं साबित हो जाता है। इस अंचल में ढोल और मृदंग की स्वर लहरियां फिर गूंजने लगी हैं। डॉ. सिंह ने कहा – सुकमा राज्य के अंतिम छोर का नया जिला है। इसका गठन वर्ष 2012 में किया गया था। जब मैने इस अंचल के लोगों की वर्षों पुरानी मांग पर सुकमा को जिला बनाने का निर्णय लिया था, तब कुछ लोगांें ने मेरे इस फैसले का मजाक उड़ाया था, लेकिन आज जनता के सहयोग और शासन-प्रशासन की सक्रियता और तत्परता से सुकमा जिला सामाजिक-आर्थिक विकास के मामले में  एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है। जिला बनने के सिर्फ पांच वर्ष के भीतर  यहां विकास के कार्योें में तेजी आयी है। सरकार और प्रशासन अब इस क्षेत्र के लोगों के नजदीक है। अब सुकमा क्षेत्र के लोगों को अपनी समस्याओं की जानकारी देने के लिए 400 किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर तक सफर नहीं करना पड़ता। कलेक्टर, एसपी और लगभग  सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और उनके कार्यालय यहां खुल चुके हैं।
डॉ. सिंह ने कहा- सुकमा जिले को विकास के मामले में राज्य के दूसरे जिलों की बराबरी पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए सड़कों का निर्माण भी जरूरी है। इसलिए जिले में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। पूरे जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 112 सड़कों का निर्माण हो रहा है, जिनकी कुल लम्बाई 666 किलोमीटर है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए केन्द्रीय योजना के तहत सुकमा जिले में सात प्रमुख सड़कों का भी निर्माण किया जा रहा है। इनमें से भेज्जी-इंजरम 20 किलोमीटर सड़क तैयार हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सल हिंसा और आतंक इस जिले की एक बड़ी समस्या थी, जो जनता के सहयोग से धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा – विकास के लिए नक्सल समस्या को खत्म करना बहुत जरूरी है। इस जिले की नई पीढ़ी को शिक्षा की सभी जरूरी सुविधाएं दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सुकमा में एजुकेशन हब तेजी से विकसित हो रहा है, जहां दिव्यांग बच्चों के लिए भी शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने बोनस तिहार के अवसर पर सुकमा जिले को  231 करोड़ रूपए के 33  विभिन्न निर्माण कार्यों की सौगात दी। उन्होंने इनमें से पूर्ण हो चुके 24 करोड़ 44 लाख रुपए के चार निर्माण कार्याें का  लोकार्पण और 206 करोड़ 61 लाख रूपए के 29 निर्माण कार्योें का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम में सरकार की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत साढ़े पांच से ज्यादा लोगों को अनुदान सामग्री और राशि आदि का वितरण किया। इनमें से 300 परिवारों को उन्होंने मुख्यमंत्री आबादी पट्टा योजना के तहत भूमि के पट्टे दिए, 100 परिवारों को वन अधिकार मान्यता पत्र, 50 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना की अंतिम किश्त के चेक, 50 किसानों को सौर सुजला योजना के तहत सोलर सिंचाई पम्प, 50 स्कूली बालिकाओं को सरस्वती सायकिल योजना के तहत निःशुल्क सायकिल और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 17 हितग्राहियों को 21 लाख 60 हजार रूपए के चेक वितरित किए।
डॉ. सिंह ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों और उनके परिवारों के लिए संचालित चरण पादुका योजना, साड़ी वितरण योजना, उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की योजना सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003-04 से आज 2017 तक तेन्दूपत्ता संग्रहण की मजदूरी प्रति मानक बोरा 450 रूपए से बढ़ाते हुए 1800 रूपए और अगले सीजन के लिए ढाई हजार रूपए कर दी गई है। छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए वनवासियों को इतना आकर्षक पारिश्रमिक दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा- सुकमा जिले में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 25 हजार गरीब परिवारों को महिलाओं के नाम पर निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य है। अब तक पांच हजार महिलाओं को कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान बनाने के लिए भी सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने खुशी जतायी कि सुकमा और पेन्टा में 132 के.व्ही. क्षमता के विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है और सुकमा कोंटा मार्ग का निर्माण मार्च 2018 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप और लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप ने भी जनता को सम्बोधित किया। इस अवसर पर वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, जिला पंचायत सुकमा के अध्यक्ष श्री हरीश कवासी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री बी.व्ही.आर सुब्रमण्यम, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के. खेतान, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर.के. सिंह, कमिश्नर बस्तर संभाग श्री दिलीप वासनिकर, कलेक्टर सुकमा श्री जय प्रकाश मौर्य, कलेक्टर बस्तर श्री धनंजय देवांगन और सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी समारोह में मौजूद थे।

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