नीति आयोग के गठन से देश में मजबूत हुई सहकारी संघवाद की भावना : रमन

नीति आयोग के गठन से देश में मजबूत हुई सहकारी संघवाद की भावना  : रमन
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रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग के गठन से देश के सभी राज्यों के बीच परस्पर सहयोग के लिए सहकारी संघवाद और टीम इंडिया की भावना काफी मजबूत हुई है। इतना ही नहीं बल्कि इससे राज्यों को विकास कार्यों के लिए पर्याप्त राशि भी मिलने लगी है।

मुख्यमंत्री ने आज दोपहर यहां मंत्रालय(महानदी भवन) में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार के साथ बैठक में इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने बैठक में डॉ. राजीव कुमार और आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत किया। आयोग के उपाध्यक्ष ने बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की विशेष रूप से तारीफ की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए आयोग को छत्तीसगढ़ केे लिए विशेष बजट प्रावधान का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राज्य को भौगोलिक दृष्टि से मुख्यतः तीन भागों में चिन्हांकित किया जा सकता है। पहला भाग उत्तरी क्षेत्र अर्थात् आदिवासी बहुल सरगुजा, जशपुर आदि का पहाड़ी इलाका, दूसरा भाग दक्षिण में आदिवासी बहुल बस्तर संभाग और दोनों के बीच में मैदानी इलाका।

इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार केन्द्र के सहयोग से प्रदेश के विकास के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम कर रही है। डॉ. रमन सिंह ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से केन्द्रीय राशि के आवंटन में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखने और उन परिस्थितियों के अनुरूप मापदंड निर्धारित करने का आग्रह किया। उन्होंने आयोग को सुझाव दिया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में राशनकार्ड धारकों के लिए सीधे राशि हस्तांतरण (डी.बी.टी.) को छत्तीसगढ़ की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए फिलहाल लागू नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि अगर बस्तर जैसे इलाकों को देखें तो वहां राशनकार्ड धारक को खाते में राशि मिलने के बाद राशन खरीदने के लिए काफी दूर जाना पड़ेगा।

डॉ. सिंह ने कहा – प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर छत्तीसगढ़ को विभिन्न योजनाओं के और भी अधिक बेहतर क्रियान्वयन के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता और मापदंडों में विशेष रियायत की जरूरत है। डॉ. सिंह ने कहा – बस्तर और सरगुजा इलाकों की भौगोलिक परिस्थितियों में बसाहटे दूर-दूर फैली हुई है। इस वजह से वहां की पूरी आबादी को सड़क, बिजली, दूर संचार कनेक्टिविटी और पेयजल आपूर्ति जैसे कार्यों में राज्य सरकार पर आर्थिक भार काफी बढ़ जाता है।

इसके साथ ही बस्तर संभाग के कई इलाकें नक्सल हिंसा से भी प्रभावित है, जहां इस चुनौती के बावजूद विकास योजनाओं का अधिकत्तम लाभ आम जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने आयोग को बस्तर अंचल के विकास में आ रही कुछ समस्याओं की जानकारी दी और आग्रह किया कि इन समस्याओं के निराकरण के लिए नीति आयोग के विशेषज्ञों और राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक अलग से आयोजित की जाए। इस पर आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने अपनी सहमति व्यक्त की।

डॉ. रमन सिंह ने उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत राज्य में 35 लाख रसोई गैस कनेक्शनों के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 14 लाख से ज्यादा कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया – केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के सहयोग से राज्य में लगभग 600 किलोमीटर रेल नेटवर्क के निर्माण के लिए भी कार्य प्रगति पर है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य में अब तक 96 प्रतिशत घरों में शौचालयों का निर्माण हो चुका है, जो राष्ट्रीय औसत 71 प्रतिशत से अधिक है। हमारे यहां लगभग 93 प्रतिशत गांवों में पेयजल सुविधा उपलब्ध करा दी गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 77 प्रतिशत का है। मुख्यमंत्री ने आयोग को यह भी बताया कि छत्तीसगढ. में अब तक 99 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है। प्रधानमंत्री द्वारा जिला खनिज न्यास निधि (डी.एम.एफ.) के गठन से छत्तीसगढ़ के जिलों में अब तक लगभग 1200 करोड़ रूपए जमा हो चुके हैं। राज्य सरकार ने डी.एम.एफ. के मद से खनिज बहुल क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए लगभग 3400 करोड़ रूपए की कार्य योजना बनाकर उस पर अमल भी शुरू कर दिया है। इस राशि से स्कूल, अस्पताल, बिजली, सड़क, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए कई कार्य हाथ में लिए गए हैं।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने की रमन सरकार की तारीफ
आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की तारीफ की। डॉ. कुमार ने कहा – राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम, नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों को पढ़ाई के लिए आवासीय स्कूल के रूप में उपलब्ध करायी जा रही पोटा केबिन की योजना, राज्य में रेल नेटवर्क के विकास के लिए रेल कॉरिडोर परियोजना , किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली से बिजली पहुंचाने के लिए संचालित सौर सुजला योजना में छत्तीसगढ़ सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने प्रदेश के सभी 27 जिलों में युवाओं के रोजगार और स्वरोजगार प्रशिक्षण के लिए संचालित लाइवली हुड कॉलेजों की भी प्रशंसा की। डॉ. राजीव कुमार ने कहा – राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वल योजना के तहत 36 लाख गरीब परिवारों को मात्र 200 रूपए के पंजीयन शुल्क पर रसोई गैस कनेक्शन देने का काम भी तेजी से कर रही है। डॉ. राजीव कुमार ने कहा – राज्यों के साथ लगातार बेहतर समन्वय के लिए नीति आयोग का गठन किया गया है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार हर एक राज्य की आवश्यकताएं भी विभिन्न प्रकार की होती हैं। नीति आयोग की यह कोशिश है कि राज्यों की जरूरतों के अनुरूप उनसे सलाह मशविरा कर योजनाओं के लिए पर्याप्त राशि दी जाए। बैठक में नीति आयोग के सदस्य डॉ. सारस्वत, नीति आयोग के सलाहकार श्री अनिल श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह,श्री सुनिल कुजूर,श्री बी.व्ही.आर.सुब्रमण्यम और श्री आर.पी.मंडल तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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