परमाणु शक्ति का दर्जा मिले बगैर भारत नहीं बनेगा एनपीटी का हिस्सा

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संयुक्त राष्ट्र । भारत ने फिर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर अपना रुख स्पष्ट किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि अमनदीप सिंह गिल ने कहा कि भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र का दर्जा मिले बगैर एनपीटी का हिस्सा नहीं बनेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि परमाणु परीक्षण पर एकतरफा प्रतिबंध को लेकर भारत पूर्व की भांति प्रतिबद्ध है। गिल ने अंतरिक्ष में हथियार तैनात करने की बढ़ती होड़ पर भी चिंता जताते हुए इसे रोकने के लिए समुचित उपाय करने का आह्वान किया।

भारतीय प्रतिनिधि ने यूएन महासभा में निरस्त्रीकरण पर जारी बहस में परमाणु हथियारों पर देश का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘गैर परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के तौर पर एनपीटी में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। इस पर भारत का रुख जगजाहिर है, ऐसे में उसे दोहराने की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद भारत वैश्विक अप्रसार के उद्देश्यों को बरकरार रखने और उसे मजबूत करने के कदम का समर्थन करता है। खासकर विभिन्न देशों द्वारा एनपीटी समेत विभिन्न करार में तय लक्ष्यों के प्रभावी क्रियान्वयन का पक्षधर है।’

क्या है एनपीटी

एनपीटी एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इस संधि के मुताबिक 1 जनवरी, 1967 से पहले परमाणु परीक्षण करने वाले देशों को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र माना गया है।

पाक और उत्तर कोरिया पर कार्रवाई की मांग

भारत ने इस दौरान पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु व मिसाइल तकनीक के आदान-प्रदान का मुद्दा भी उठाया। गिल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस गतिविधि में शामिल देशों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि गुप्त तरीके से परमाणु हथियार के प्रसार में जुटे देशों के खिलाफ दुनिया को एकजुट होकर कदम उठाना चाहिए।

(साभार : जागरण.कॉम)

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