मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक

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संचार क्रांति योजना (स्काई)

दो चरणों में 55 लाख से अधिक स्मार्ट फोन का वितरण

  • प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण छत्तीगसढ़ के मध्य की डिजिटल दूरी को समाप्त करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा संचार क्रांति योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत दो चरणों में 55 लाख से अधिक स्मार्ट फोन का वितरण किया जायेगा।
  • प्रथम चरण में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक एक हजार से अधिक जनसंख्या वाले सभी ग्रामीण परिवारों, एक हजार से कम जनसंख्या वाले गाँव, जहाँ मोबाईल कवरेज पूर्ण/आंशिक रूप से उपलब्ध है, शहरी गरीब परिवारों एवं कॉलेज के युवाओं को 50.8 लाख स्मार्ट फोन का वितरण किया जायेगा।
  • दूसरे चरण में एक हजार से कम जनसंख्या वाले ग्रामों में, जहाँ मोबाईल कवरेज उपलब्ध नहीं है, 4.8 लाख परिवारों को स्मार्ट फोन का वितरण किया जायेगा। परिवार में महिला होने की स्थिति में महिला को ही मोबाईल वितरित करने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया। साथ ही राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को स्वयं के खर्चे पर नेटवर्क विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। जिन हितग्राहियों को स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे उनको फोन नंबर पूर्व से ही आबंटित होंगे। यह नंबर आधार एवं बैंक खाते से भी जुड़े होंगे। इससे सभी हितग्राही फोन निरंतर रखने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों का चयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जायेगा। शहरी क्षेत्र के हितग्राहियों को चयन नगरीय प्रशासन विभाग और कॉलेज में युवाओं को चयन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा। मोबाईल फोन का वितरण जिला कलेक्टर द्वारा राशन दुकान, पंचायत भवन अथवा अन्य सुविधाजनक निश्चित स्थान से किया जाएगा। योजना के अंतर्गत टॉवर लगाने के लिए शासकीय भवनों की छत निःशुल्क उपलब करायी जाएगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन भी किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि समाजिक, आर्थिक जाति जनगणना 2011 के अनुसार छत्तीसगढ़ में मोबाईल फोन का घनत्व सबसे कम है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 29 प्रतिशत परिवारों के पास ही फोन है। जबकि देश का औसत 72 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में कनेक्टीविटी कम होने का प्रमुख कारण 44 प्रतिशत वनक्षेत्र, जनसंख्या का कम घनत्व होना मुख्य है। इसे देखते हुए राज्य शासन ने मोबाईल डिवाईस की उपलब्धता बढ़ाने के लिए संचार क्रांति योजना प्रारंभ की है। मोबाईल के प्रयोग से क्षेत्र में कृषि एवं अन्य व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। स्वास्थ्य सुविधाओं, डॉयल 102, पीडीएस आदि का क्रियान्वयन और भी अधिक प्रभावशाली ढंग से किया जा सकेगा। साथ ही ई-गवर्नेंस सेवाओं की प्रदायगी ग्राम स्तर तक करने का सुविधा मिलेगा। इस योजना से पूरे राज्य में मोबाईल नेटवर्क स्थापित करने में सहायता मिलेगी ।

नया रायपुर स्मार्ट सिटी कॉरेपोरेशन लिमिटेड के गठन को मंजूरी

  • नया रायपुर को स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत विकसित किये जाने हेतु नया रायपुर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड (एन.आर.एस.सी.सी.एल)का गठन किया गया है। भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप विशेष प्रयोजन यान (स्पेशल पर्पस व्हीकल) का गठन किया गया है। राज्य मंत्री परिषद द्वारा इसे आज मंजूरी प्रदान की गई है।
  • स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत बनने वाले इस एसपीव्ही के कार्याें की निगरानी आवास एवं पर्यावास द्वारा की जाएगी। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत नया रायपुर 16 सौ 96 करोड़ रूपय के निर्माण एवं विकास कार्य किए जाएगे। नया रायपुर को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केन्द्र और राज्य शासन द्वारा 500-500 करोड़ अनुदान दिया जाएगा तथा शेष राशि का प्रबंध एनआरडीए तथा निजी भागीदारी से किया जाएगा।
  • मिशन के तहत एरिया बेस्ड डेव्हलपमेंट तथा शहरी स्तर पर विभिन्न कार्य कराये जाएगे । इसके तहत इंटर मोडल ट्रांजिट हब, कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सिस्टम,एक्सपिरिएन्स सेन्टर , ट्रेड सेन्टर, अर्फोडेबल हाउसिंग, स्मार्ट रोड, बस स्टेैण्ड , सायकल स्टैण्ड , अरबन पार्क , हेल्थ एटीएम जैसे सार्वजनिक उपयोग तथा शहरी प्रबंधन को सुनियोजित करने वाले कार्य शामिल हंै। इसके साथ ही हरित शहर के लिहाज से संपूर्ण विकास कार्य किये जाएगे। पब्लिक यूटिलिटी के लिहाज से स्मार्ट वॉटर , एनर्जी , वेस्ट मैनेजमेंट जैसे कार्य शामिल होंगे। इसके तहत स्मार्ट मिटरिंग, रेन वॉटर हारवेस्टिंग, ई टॉयलेट, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाले कार्य किये जायेगे । इसी प्रकार संपूर्व शहर को एक डिजिटल प्लेटफार्म में लाया जाएगा तथा नया रायपुर में शामिल गांव स्मार्ट गांव के तौर पर विकसित होंगे । इस प्रकार एरिया बेस्ड डेव्हलपमेंट के तहत 12 सौ 63 करोड़ रूपय तथा पैन सिटी डेव्हलपमेंट के तहत 415.7 करोड़ रूपय का व्यय किया जाएगा।
  • एसपीव्ही का गठन कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 2(45) के अंतर्गत शासकीय कंपनी के रूप में किया गया है। इसके तहत इसके संचालक मंडल में नया रायपुर डेव्हलपमेंट अथॉरिटी के संचालक मंडल के अध्यक्ष होंगे साथ ही एसपीव्ही के सीईओ इसके प्रबंध निदेशक होंगे तथा एनआरडीए के सीईओ, आवास पर्यावरण विभाग के प्रतिनिधि जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक  तथा शहरी विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि इसके निदेशक होंगे साथ ही एक स्वतंत्र निदेशक एवं  पांच विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।

नया रायपुर में धार्मिकअध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक प्रयोजन हेतु संस्थाओं को भूखण्डों का रियायती दरों पर आबंटन

·       मंत्रिपरिषद की आज की बैठक में अक्षर धाम (स्वामी नारायण) 10 एकड़, इस्कॉन 10 एकड़, वेदमाता गायत्री ट्रस्ट 5 एकड़, मंदिर हेतु 1-1 एकड़, मस्जिद, चर्च, गुरूद्धारा हेतु 1-1 एकड़, इन संस्थाओं को धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक प्रयोजनों के आयोजन से नया रायपुर में बसाहट को प्रोत्साहन हेतु मंजूरी प्रदान की गई है।

·       इन संस्थाओं के आने से देश एवं विदेश के पर्यटक आकर्षित होंगे, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

·       धार्मिक/आध्यात्मिक/सांस्कृतिक प्रयोजनों के लिए नियमानुसार आरक्षित प्रीमियम एवं भू-भाटक की राशि का 25 प्रतिशत भार एनआरडीए द्वारा वहन किया जाएगा, जिसकी प्रतिपूर्ति अन्य प्रयोजनों के लिए चिन्हित भूमि पर भारित किया जाएगा।

·       उपरोक्त प्रयोजनों के लिए 50 प्रतिशत प्रीमियम/भू-भाटक की राशि  राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी, जो शासन से एनआरडीए को प्रतिपूर्ति की जाएगी।

·       संबंधित संस्था को राज्य शासन के द्वारा निधार्रित शर्तो के अधीन निर्माण कार्य पूर्ण करना होगा।

  • वल्र्ड रिनिवल स्प्रीच्यूअल ट्रस्ट (प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईष्वरीय विष्वविद्यालय को सेक्टर-20, कयाबांधा में कुल रकबा 6049.59 वर्गमीटर भूमि दिया गया है। वल्र्ड रिनिवल स्प्रीच्यूअल ट्रस्ट एक आध्यात्मिक संस्था है। जनमानस में जीवन को बेहतर रूप से जीने के लिये मार्गदर्शन दिया जाता है। इनकी संस्थाएँ विश्वस्तर पर उक्त कार्य का सम्पादन कर रही है। इस कारण 30 वर्ष का लीज रेंटरू. 1 प्रतिवर्ष निर्धारित करने की मंजूरी दी गई।
  • श्री सत्य साँई हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट को सेक्टर-02, नवागांव में रकबा 12.10 हेक्टेयर भूमि दिया गया है। सत्य साँई संजीवनी हॉस्पिटल के द्वारा बच्चों के हृदय संबंधित रोगों का निःशुल्क उपचार किया जाता है, जहां देश-विदेश के बच्चों का उपचार होता है। इस संस्था द्वारा अब तक 3620 आॅपरेशन किया गया है। इस कारण 90 वर्ष का लीज रेंटरू. 1 प्रतिवर्ष निर्धारित करने की मंजूरी दी गई।

सत्य साँई संजीवनी हॉस्पिटलनया रायपुर के नजदीक मंगल भवन (धर्मशालानिर्माण हेतु भूमि आबंटन।

  • मंगल भवन हेतु सेक्टर-02 में सत्य साँई संजीवनी हॉस्पिटल के नजदीक 25000 वर्गफीट भूमि, सत्य साँई संजीवनी हॉस्पिटल के नजदीक मरीजों के ठहरने के लिये अलग से कोई धर्मशाला नहीं है। ईलाज हेतु प्रदेश, देश-विेदेश के अन्य स्थानों से आने वाले मरीजों के परिजनों के ठहरने के लिये मंगल भवन (धर्मशाला) के निर्माण की मंत्री परिषद ने मंजूरी प्रदान की है।
  • प्रीमियम, वार्षिक लीज रेन्ट, एनआरडीए द्वारा निर्माण में किये गये व्यय की राशि कुल  रू. 1 प्रतिवर्ष, लीज रेंट निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
  • संस्था द्वारा 2.50 करोड़ की लागत से 300 बिस्तरों के मंगल भवन का निर्माण किया जायेगा।

छत्तीसगढ़ राज्य की इलेक्ट्रॉनिक्ससूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवा में निवेश नीति 2014-19  में संशोधन

  • छत्तीसगढ़ राज्य की इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवा में निवेश नीति 2014 लागू की गयी है। इस नीति के लागू होने के पश्चात् राज्य में नए निवेश को आशातीत सफलता प्राप्त हुई है। वर्ष 2014 के पश्चात् देश के अनेक राज्यों में नयी नीति लागू की गयी है, जिसमें अन्य राज्यों ने अनेक नवीन प्रस्ताव दिए हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा अपनी नीति में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया है।
  • राज्य शासन द्वारा मुख्यतः स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, लीज/किराये पर छूट, रोजगार सृजन हेतु अनुदान और बड़े निवेश हेतु अनुदान में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा बिजली बिल भुगतान में अनुदान, बाजार विकास हेतु सहायता, अनुसंधान एवं विकास हेतु सहायता एवं ईको सिस्टम के लिए सहायता को प्रोत्साहित करने के लिए नए अनुदान करने का निर्णय लिया गया है। यह सभी संशोधन एवं प्रोत्साहन अधिसूचना जारी होने की तिथि से लागू होगी।

स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के अंतर्गत जहाँ पहले राज्य में ईकाई की स्थापना पर भूमि लागत को छो़ड़कर 50 प्रतिशत तक अधिकतम 1.5 करोड़ की छूट का प्रावधान था, जिसे बढ़ाते हुए राज्य शासन ने अब 100 करोड़ रूपये तक निवेश में प्रत्येक 10 करोड़ पर 15 प्रतिशत, अधिकतम 15 करोड़ प्रति ईकाई कर दिया है। 100 करोड़ से अधिक निवेश पर और अधिक छूट देने के लिए राज्य शासन द्वारा प्रत्येक प्रकरण पर विचार किया जा सकता है।

राज्य में स्थापित ऐसी ईकाई जिसका संचालन किराया/लीज के स्थान पर किया जा रहा है। उन ईकाईयों को पूर्व में अधिकतम 03 वर्ष के लिए किराये के 50 प्रतिशत राशि अधिकतम 10 लाख रूपये प्रतिवर्ष छूट प्रदान की जा रही थी, उसे बढ़ाते हुए अधिकतम 05 वर्ष के लिए 10-30 हजार वर्गफीट स्थान के लिए किराये का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 20 लाख प्रति ईकाई कर दिया है। 30 हजार वर्गफीट से अधिक किराये वाले स्थान पर अब 50 प्रतिशत राशि एवं अधिकतम 30 लाख रूपये प्रति ईकाई अनुदान कर दिया गया है।

  • राज्य में स्थापित करने वाले डेटा सेंटरों, ईएसडीएम कंपनियों एवं क्लाउड सेवा प्रदाताओं ईकाईयों को वाणिज्य उत्पादन प्रारंभ होने के दिनांक से 05 वर्ष तक अधिकतम 1.5 करोड़ की बिजली बिल भुगतान पर अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में स्टार्ट-अप एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी ईकाई के अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रस्तावित व्यय राशि का दुगुना अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये तक दिया जायेगा।
  • इसके अतिरिक्त नया रायपुर के 50 एकड़ क्षेत्र का सीमांकन डेटा सेंटर, क्लाउड सर्विस प्रदाता की आवश्यकता के अनुरूप किया गया है। यहाँ 365 दिन 24 घंटे आबाधित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने का निर्णय भी लिया गया   है ।ीभी्ीीभी्िउडडडलिया लिलिलिलिलिया   जिसर  आई.टी. और आई.टी.ई.एस. उद्योग के लिए भिलाई और रायपुर में प्रशिक्षण सुविधाओं के विकास हेतु राज्य शासन के अनुदान से चिप्स द्वारा स्थापित परिसर में पे एंड यूज (pay and use) की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ।

छत्तीसगढ़ में खाद्यफलसब्जी एवं गैर काष्ठीय वन उत्पादन प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष पैकेज देने के लिये राज्य की कृषि एवं खाद्यप्रसंस्करण उद्योग नीति 2012 में संशोधन की मंजूरी दी गई।

संशोधन के अनुसार विशेष पैकेज –

  • फल एवं सब्जियों के सुरक्षित भण्डार एवं प्रसंस्करण के लिये विशष पैकेज

केवल फल एवं सब्जी परिक्षण/प्रसंस्करण करने वाले नवीन उद्योगों, जिसमें प्लांट एवं मशीनरी में रूपए 25 हजार में 25 लाख तक पंूजी निवेश हो, के लिये लागू होगा।

  • इससे अधिक लागत वाले इकाईयो को औद्योगिक नीति 2014-19 कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2012 छ.ग. राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन की योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार मिलेगा
  • यह विशेष पैकेज 31-10-2019 तक लागू रहेगा।
  • पैकेज की सुविधाएं एवं अनुदान

(i)- ब्याज अनुदान

सावधि ऋण पर निम्नानुसार ब्याज अनुदान देय होगा:-

(अ) सामान्य वर्ग के लिए – 10 वर्ष तक सावधि ऋण पर कुल भुगतान किए गए ब्याज का 70 प्रतिशत अधिकतम सीमा 05 लाख वार्षिक।

(ब) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए- 10 वर्ष तक सावधि ऋण पर कुल भुगतान किए गए ब्याज का 70 प्रतिशत अधिकतम सीमा 10 लाख वार्षिक।

(ii)- स्थायी पूंजी निवेश अनुदान:-

(अ) सामान्य वर्ग के लिए –

रूपए 25 हजार से – 10 लाख तक स्थाई पूंजी निवेश का 40 प्रतिशत अधिकतम सीमा 05 लाख
रूपए 10 लाख से – 25 लाख तक स्थाई पूंजी निवेश का 50 प्रतिशत अधिकतम सीमा 12.5 लाख

 

(ब) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए –

रूपए 25 हजार से – 25 लाख तक स्थाई पूंजी निवेश का 60 प्रतिशत अधिकतम सीमा 15 लाख

 

(iii)- विद्युत शुल्क छूट:- खपत की गई विद्युत पर 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट

(iv)- भूमि उपयोग में परिवर्तन- औद्योगिक प्रयोजन पर भू-उपयोग परिवर्तन अधिकतम 15 हजार फुट भूमि (परिवार में केवल एक खातेदार के लिए) डायवर्सन शुल्क में 100 प्रतिशत छूट।

  • उपरोक्त विशेष पैकेज के साथ-साथ औद्योगिक नीति 2014-19 के अनुदान, छूट एवं रियायतों के तहत स्टॉम्प शुल्क में छूट, औद्योगिक क्षेत्रों/पार्को के भू-आबंटन पर भू-प्रीमियम में छूट, परियोजना प्रतिवेदन अनुदान, गणुवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान, तकनीकी पेटेन्ट अनुदान व प्रौद्योगिकी क्रय अनुदान तथा निशक्त अनुदान पात्रता अनुसार प्राप्त होंगे।

प्रदेश के किसी संभाग में रूपए 500 करोड़ से अधिक स्थायी पूंजी निवेश वाली प्रथम खाद्यफलसब्जी एवं गैर काष्ठीय वन उत्पाद प्रसंस्करण परियोजना के लिये विशेषपैकेज

इस पैकेजे में निम्नांकित छूट एवं अनुदान पात्रतानुसार दिये जायेंगे:-

1 लैण्ड बैक में भूमि आबंटित किये जाने पर प्रब्याजि में 75 प्रतिशत की छूट।

2 भूमि आंबटन पर स्टाम्प ड्यूटी से 100 प्रतिशत छूट।

3 बैंको से ऋण पर प्रथम 3 वर्षो के लिए स्टाम्प शुल्क से पूर्ण छूट।

4 सावधि ऋण पर 10 वर्ष तक 100 प्रतिशत ब्याज (कुल स्थायी पूंजी निवेश के 50 प्रतिशत की सीमा तक) की प्रतिपूर्ति।

5 खपत की गई विद्युत पर 15 वर्ष तक विद्युत शुल्क से 100 प्रतिशत छूट।

6 15 वर्ष तक मंडी शुल्क से 100 प्रतिशत छूट, अधिकतम सीमा- कुल स्थायी पूंजी निवेश के 75 प्रतिशत की सीमा।

7 परियोजना में संलग्न छत्तीसगढ़ के स्थानीय तकनीकी एवं कुशल कामगारों के कौशल विकास हेतु, परियोजना में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के दिनांक से प्रथम 500 कामगारों के प्रथम 12 माह के देय ईपीएफ बराबर की राशि की प्रतिपूर्ति अनुदान के रूप में दी जायेगी।

टीप- उपरोक्त विशेष पैकेज के साथ-साथ परियोजना को औद्योगिक नीति 2014-19, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2012 एवं छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन में वर्णित अन्य अनुदान, छूट एवं रियायतों हेतु अधिसूचित नियमों में उल्लेखित पात्रता अनुसार समान स्वरूप का अनुदान होने की दशा में उद्यमी द्वारा चयनित कोई भी एक ही अनुदान भी प्राप्त होगा।

सूखे की स्थिति पर चर्चा

  • बैठक में प्रदेश में संभावित सूखे की स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया गया। प्रदेश की माननीय मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों एवं जिले के प्रभारी सचिवों को जिले में जाकर वर्षा की स्थिति का आंकलन करने और सूखे की स्थिति होने पर वहां रोजगार, पेयजल आपूर्ति, चारा की उपलब्धता आदि की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

 

गौशालाओं की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए  मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन

मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में गौ-शालाओं की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति के गठन का निर्णय लिया गया है। इस उप समिति में कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय एवं नगरीय प्रशासन तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल होंगे।

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