मुख्यमंत्री साय ने कुशाभाऊ ठाकरे और सुंदर लाल पटवा की पुण्यतिथि तथा अरुण जेटली की जयंती पर उन्हें किया नमन
रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 28 दिसंबर को स्वर्गीय श्री कुशाभाऊ ठाकरे और श्री सुंदर लाल पटवा की पुण्य तिथि तथा श्री अरुण जेटली की जयंती पर उन्हें नमन किया है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कुशाभाऊ ठाकरे जी के देश के लिए योगदान को याद करते हुए कहा है कि कुशाभाऊ जी नैतिकता, आदर्श व सिद्धांतों के प्रकाश स्तंभ थे। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण अटूट था। कुशाभाऊ ठाकरे जी ने समाज के प्रत्येक वर्ग की सुख-समृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे जी जैसे निष्काम कर्मयोगी के विचार और जीवनमूल्य हमें सदैव देश सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पद्मविभूषण स्वर्गीय श्री अरूण जेटली की 28 दिसंबर को जयंती पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि जेटली जी ने भारत के वित्त, रक्षा, कॉरपोरेट मामले, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों को कुशलता से संभाला और देश के विकास को नई गति दी। उन्होंने देश की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जेटली जी को वित्तीय मामलों का गूढ़ जानकार माना जाता था। उन्होंने भारत में आर्थिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अरुण जेटली जी का देश के विकास में दिया गया अमूल्य योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
इसी तरह मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री पद्म विभूषण श्री सुन्दर लाल पटवा की 28 दिसंबर को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने कहा कि पटवा जी अनुशासनप्रिय व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। सौम्य व्यक्तित्व, कुशल संगठन क्षमता से युक्त, ओजस्वी वक्ता और विभिन्न जनसमस्याओं को उठाने वाले जुझारू नेता के रूप में पटवा जी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
उन्होंने समाज के हर तबके के लिए काम किया और किसान हितैषी कई फैसले लिए। वे सहकारी आंदोलन से जुड़े और अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों को संभाला। उन्होंने सहकारिता आंदोलन को जनोन्मुखी बनाया। उनके कार्यकाल में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कमजोर वर्गों, शिल्पियों और श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के सफल प्रयोग किये गये। श्री साय ने कहा कि पटवा जी का व्यक्तित्व और कृतित्व हमें सदैव अपने दायित्वों का उत्कृष्टतापूर्वक निर्वहन करने की प्रेरणा देता रहेगा।