नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के किसान 1300 रुपए क्विंटल में धान बेचने मजबूर, कांग्रेस सरकार 2660 रु में धान खरीदी की

नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के किसान 1300 रुपए क्विंटल में धान बेचने मजबूर, कांग्रेस सरकार 2660 रु में धान खरीदी की
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

रायपुर/11 अक्टूबर 2023। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने धान खरीदी पर केंद्र पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क़ी संसदीय क्षेत्र बनारस के किसानों को छत्तीसगढ़ के किसानों की तरह धान की कीमत 2500 प्रति क्विंटल नहीं मिल रहा है बल्कि बनारस के किसान अपनी धान को औने पौने दाम 1300 रु प्रति क्विंटल की दर पर बेचने मजबूर हैं। छत्तीसगढ़ आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के बड़े नेता प्रदेश में हो रही धान खरीदी का झूठा श्रेय लेने के लिए संगठित होकर झूठ बोलते है इसका पर्दाफ़ास बनारस के किसानो के मायूस चेहरा से होता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा भाजपा की डबल इंजन की सरकार किसानों के उपज की खरीदी नही कर रही है भाजपा के दोनों इंजन की सरकार किसानों के खिलाफ चल रही है किसानों को सिर्फ लूट रही है। उत्तर प्रदेश ही नहीं मध्य प्रदेश गुजरात और हरियाणा सहित भाजपा शासित राज्यों में किसान खेती किसानी से दूर हो रहे है उपज की सही कीमत नही मिलने के चलते हताश परेशान है कर्ज में दबे हुये है। भाजपा शासित राज्यों में महंगी बिजली समय पर रासायनिक खाद नहीं मिलना और फसल की खरीदी नहीं होना किसानों के दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान कांग्रेस सरकार अपने खुद के दम पर खरीदती है धान खरीदने में केन्द्र सरकार का एक पैसे का भी योगदान नहीं है। इस वर्ष भी कांग्रेस सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का लक्ष्य रखा है तथा इस वर्ष राज्य के किसानों से कांग्रेस सरकार 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदेगी। छत्तीसगढ़ देश का अकेला ऐसा राज्य है जहां किसानों को प्रति एकड़ धान पर 9,000 रूपये तथा अन्य फसल पर 10,000 रूपये की इनपुट सब्सिडी मिलती है। छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है जहां पर कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7000 रूपये मिलता है छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के खाते में 1.75 लाख करोड़ रूपये सीधे डाला है।

राज्य सरकार धान खरीदी मार्कफेड के माध्यम से करती है इसके लिये मार्कफेड विभिनन वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेती है तथा इस ऋण के लिये बैक गारंटी राज्य सरकार देती है तथा धान खरीदी में जो घाटा होता है उसको भी राज्य सरकार वहन करती है पिछले वर्ष मार्कफेड ने लगभग 35000 करोड़ का ऋण धान खरीदी के लिये लिया था। मोदी सरकार तो घोषित समर्थन मूल्य से 1 रूपये भी ज्यादा कीमत देने पर राज्य सरकार को धमकाती है की वह राज्य से केन्द्रीय योजनओं के लिये लगने वाला चावल नही खरीदेंगीं।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.